हिंदी साहित्य की प्रख्यात कवयित्री महादेवी वर्मा की शुक्रवार को 114वीं जयंती मनाई गई। पढ़िए, वरिष्ठ पत्रकार प्रियदर्शन क्या लिखते हैं महादेवी वर्मा की लेखनी पर।
डॉ. मुकेश कुमार की पुस्तक ‘मीडिया का मायाजाल’ मीडिया विषयक चार दर्जन लेखों का संग्रह है जिसमें बीते चार-पाँच साल में मीडिया के स्वभाव में आए परिवर्तन चिंता के साथ व्यक्त हुए हैं।
22 मई, 1987 को हुआ हाशिमपुरा कांड मुसलमानों की सामूहिक रूप से की गई स्वतंत्र भारत के इतिहास में हिरासती हत्याओं का सबसे बड़ा मामला था। इस पर विभूति नारायण राय ने 'हाशिमपुरा 22 मई' किताब लिखी है। पेश है इसकी समीक्षा।
देवरस और गोलवलकर का राजनीति के प्रति कैसा नज़रिया था? पढ़िए, एका वेस्टलैंड के प्रकाशन और विजय त्रिवेदी द्वारा लिखी गई किताम ‘संघम् शरणम् गच्छामि’ पुस्तक के अंश।
नाटककार विजय तेंदुलकर का आज यानी 6 जनवरी को जन्मदिन है। भारतीय रंगमंच को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने वाले विजय तेंदुलकर, देश के महान नाटककारों में से एक थे।
गीतकार, कवि गोपाल दास ‘नीरज‘ का 4 जनवरी को जन्मदिन है। वह उस कवि सम्मेलन परम्परा के आख़िरी वारिस थे, जिन्हें सुनने और पढ़ते हुए देखने के लिए हज़ारों श्रोता रात-रात भर बैठे रहते थे।
उत्तर प्रदेश में लखनऊ के नज़दीक मलीहाबाद में 5 दिसम्बर, 1898 में पैदा हुए शब्बीर हसन खां, बचपन से ही शायरी के जानिब अपनी बेपनाह मुहब्बत के चलते, आगे चलकर जोश मलीहाबादी कहलाए। लेकिन वह पाकिस्तान क्यों चले गए?
शिरीष कुमार मौर्य का नया कविता संग्रह रितुरैण इस विश्वास को और भी पुख़्ता करता है कि एक कवि के रूप में उनकी यात्रा नए मार्गों का अन्वेषण करते हुए निरंतर आगे बढ़ रही है।