शनिवार सुबह पाँच बजे ही उनकी बहन पिंकी ने उन्हें फ़ोन किया। उन्होंने कहा, 'उन्होंने कहा कि वह आगरा में सिकंदराबाद रोड पहुँच गए हैं। वह ठीक से साँस नहीं ले पा रहे थे, कुछ और नहीं कह पाए। उन्होंने सिर्फ़ इतना ही कहा कि सीने में दर्द हो रहा है।'
अब क्या जिसके पास सिर्फ़ 800 रुपये बचे हों, उसको दिल्ली में रहना कितना सुरक्षित लगेगा? क्या उसके सामने बड़ी चिंता यह नहीं होगी कि उसके सामने भूखे मरने का संकट आ सकता है?