इंदौर और भोपाल के बाद मध्य प्रदेश के मुरैना और ग्वालियर ज़िलों में कोरोना संक्रमण के मामलों में जिस तेज़ी से उछाल आया है, उससे यह तो साफ़ हो गया है कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार कोविड-19 के ख़िलाफ़ जंग में या तो पस्त हो गई है या फिर इस वैश्विक महामारी के ख़तरों को भाँपने में बड़ी चूक कर गई है। भोपाल और इंदौर में तो हालात जैसे-तैसे संभल गए लेकिन अब मुरैना और ग्वालियर में संक्रमण के मामलों की रफ्तार बड़े ख़तरे की घंटी बजा रही है। ख़तरा यह भी है कि संक्रमण एक से दूसरे और दूसरे से तीसरे ज़िलों तक न पहुँच जाए और हालात सामुदायिक संक्रमण के न बन जाएँ।