लोकसभा के चुनाव 40 साल से सतत रूप से जीत रहे कमलनाथ ने पहली बार विधायक पद की शपथ ली है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के तीसरे पुत्र कहे जाने वाले मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता कमलनाथ मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से पहली बार 1979 में सांसद निर्वाचित हुए थे। इसके बाद हुए आठ लोकसभा चुनाव वह सतत रूप से जीते। वह महज एक उप-चुनाव 1997 में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर बीजेपी के बड़े कद वाले नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा से हारे थे।
40 साल सांसद रहे कमलनाथ ने पहली बार ली विधायक पद की शपथ
- मध्य प्रदेश
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- 10 Jun, 2019

लोकसभा के चुनाव 40 साल से सतत रूप से जीत रहे कमलनाथ ने पहली बार विधायक पद की शपथ ली है। वह मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से पहली बार 1979 में सांसद निर्वाचित हुए थे।
कमलनाथ 1975 में इमरजेंसी के दौरान ख़ासे सुर्खियों में रहे थे। इंदिरा गाँधी के पुत्र संजय गाँधी के वह बचपन के दोस्त रहे। इमरजेंसी में संजय गाँधी के साथ साये की तरह वह साथ रहा करते थे। इमरजेंसी के बाद 1977 के चुनाव में कांग्रेस की ज़ोरदार हार हुई थी। ‘ग़रीबी हटाओ’ के नारे के साथ इंदिरा गाँधी जब मध्यावधि चुनाव में पुन: कांग्रेस को मैदान में लेकर गई थीं तब ही 1979 में इंदिरा गाँधी ने स्वयं छिंदवाड़ा पहुँचकर कमलनाथ का परचा दाखिल कराया था। छिंदवाड़ा सीट पर गार्गीशंकर मिश्रा का टिकट काटा गया था।