अनुच्छेद 370 में फेरबदल के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। इस तनाव के बीच टेरर फ़ंडिंग को लेकर सतना शहर में पकड़े गए एक ‘मॉड्यूल’ ने मध्य प्रदेश पुलिस के होश फ़ाख्ता कर दिए हैं। मॉड्यूल के तार आईएसआई से जुड़े होने के पुख्ता सबूत मिले हैं। युद्ध से जुड़ी अहम जानकारियों के अलावा आईएसआई के जासूसों को यह मॉड्यूल आर्थिक मदद पहुँचा रहा था। पकड़े गए तीन आरोपियों को राज्य के एटीएस ने रिमांड पर लिया है।
ख़ुफिया चूक से दोबारा आईएसआई नेटवर्क से जुड़े थे, फिर पकड़े गए
- मध्य प्रदेश
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- 29 Aug, 2019

भारत और पाकिस्तान में बढ़े तनाव के बीच टेरर फ़ंडिंग को लेकर सतना शहर में पकड़े गए एक ‘मॉड्यूल’ ने मध्य प्रदेश पुलिस के होश फाख्ता कर दिए हैं। मॉड्यूल के तार आईएसआई से जुड़े होने के पुख्ता सबूत मिले हैं।

चौंकाने वाला तथ्य यह है कि एमपी एटीएस ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट पर 2017 में भी पाकिस्तानी जासूसों को पैसा पहुँचाने के आरोप में सतना के बलराम सिंह को गिरफ़्तार किया था। बलराम सिंह की गिरफ़्तारी के बाद जबलपुर, भोपाल और ग्वालियर से भी एक दर्ज़न से ज़्यादा गिरफ़्तारियाँ हुई थीं। बाद में बलराम सिंह भोपाल सेंट्रल जेल से जमानत पर छूट गया था। इंटेलिजेंस को उस पर नज़र रखनी थी, लेकिन खुफ़िया तंत्र चूक कर गया। इंटेलिजेंस के सक्रिय न होने के चलते बलराम ने फिर टेरर फ़ंडिंग का नेटवर्क खड़ा कर लिया। एमपी में सक्रिय इस मॉड्यूल के ज़रिए पाकिस्तानी हैंडलर्स ने फिर भारत में फैले अपने जासूसों को फ़ंडिंग करना शुरू कर दिया।


























