शरद पवार भीमा कोरेगाँव मामले की एनआईए जाँच की समीक्षा के लिए बैठक में शामिल हुए। भीमा कोरेगाँव एसआईटी जाँच की माँग की गई। लेकिन क्या यह संभव है?
जनवरी 2020 में गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एसआईटी गठन की तैयारियाँ शुरू की थी और पुलिस अधिकारियों से उनकी बैठक जारी थी उसी समय केंद्रीय गृह मंत्रालय का फरमान जारी हो गया कि जाँच एनआईए को दी जाएगी। तब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी इस मामले में नरमी दिखाई थी।
अपने पत्र में शरद पवार ने आरोप लगाए थे कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सरकार ने भीमा कोरेगाँव का षड्यंत्र पुलिस अधिकारियों को दबाव में डालकर करवाया था। पवार ने यह भी कहा कि इसी भीमा कोरेगाँव प्रकरण से 'अर्बन नक्सल' जैसे शब्द की उत्पति की गयी और सामाजिक तथा मानवाधिकार के लिए कार्य करने वाले कुछ कार्यकर्ताओं का माओवादी संगठनों से सम्बन्ध बताकर उन्हें गिरफ्तार किया गया। शरद पवार के इस आरोप के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गयी थी।