24 जनवरी को शरद पवार ने भीमा कोरेगाँव की जाँच पर प्रेस कॉन्फ़्रेंस में सवाल उठाये और कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में दखल देकर पुलिस अधिकारियों की मदद से सामाजिक और मानवाधिकार के लिए संघर्ष करने वाले लोगों को निशाना बनाया और उनके ख़िलाफ़ मामले दर्ज किए।