झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के संस्थापक संरक्षक शिबू सोरेन का सोमवार, 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। उनके बेटे और वर्तमान झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक्स पर इसकी पुष्टि की।

शिबू सोरेन पिछले एक महीने से अधिक समय से अस्पताल में भर्ती थे और किडनी से संबंधित बीमारी के कारण उनकी हालत गंभीर थी। अस्पताल के एक बयान के अनुसार, वह डेढ़ महीने पहले स्ट्रोक का शिकार हुए थे और पिछले एक महीने से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। अस्पताल ने बताया कि उन्हें सोमवार सुबह 8:56 बजे मृत घोषित किया गया।
शिबू सोरेन, जिन्हें उनके समर्थकों द्वारा "दिशोम गुरुजी" के नाम से जाना जाता था, पिछले 38 वर्षों से झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता थे। उन्होंने 1972 में वामपंथी ट्रेड यूनियन नेता एके रॉय और कुर्मी महतो नेता बिनोद बिहारी महतो के साथ मिलकर जेएमएम की स्थापना की थी। वह झारखंड राज्य निर्माण आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति थे और आदिवासी समुदाय के लिए एक शक्तिशाली आवाज थे।

झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन का निधन। यह फाइल फोटो उनके बेटे हेमंत सोरेन के साथ है। हेमंत इस समय झारखंड के सीएम हैं।

सोरेन ने अपने चार दशक के राजनीतिक करियर में आठ बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा सांसद के रूप में कार्य किया। उन्होंने तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री और केंद्र में कोयला मंत्री के रूप में भी सेवाएँ दीं। वह 1980 से 1984, 1989 से 1998 और 2002 से 2019 तक दुमका सीट से सांसद रहे।
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उनके निधन पर हेमंत सोरेन ने एक्स पर लिखा, "आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूँ..." उन्होंने अपने पिता के निधन को व्यक्तिगत और भावनात्मक क्षति बताया।
जेएमएम के प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा, "झारखंड के लिए यह एक युग का अंत है। 'देव तुल्य नेता', हमारा संरक्षक, हमारा भगवान, 'दिशोम गुरु' शिबू सोरेन अब हमारे बीच नहीं हैं। उनकी अगुवाई में पार्टी ने यह मुकाम हासिल किया। उन्होंने झारखंडियों को लड़ने की ताकत दी।"
शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को झारखंड के हजारीबाग जिले के नेमरा गाँव में हुआ था। उन्होंने 1 जनवरी 1962 को रूपी सोरेन से विवाह किया और उनके चार बच्चे—तीन बेटे और एक बेटी—हैं। उनके बेटे हेमंत सोरेन वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री हैं।
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उनके निधन पर कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया। बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने एक्स पर लिखा, "शिबू सोरेन ने न केवल एक राजनीतिक नेता के रूप में, बल्कि आदिवासी समाज के संरक्षक और संघर्षकर्ता के रूप में अपनी छाप छोड़ी। उनका जीवन आदिवासी अस्मिता और सामाजिक न्याय की लड़ाई का प्रतीक रहा।"
शिबू सोरेन के निधन ने झारखंड और भारतीय राजनीति में एक बड़ा शून्य छोड़ दिया है। उनकी विरासत और योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।