किताबों को लेकर हंगामा होना यूं तो आम बात है। कई बार हंगामा या नाराजगी इस हद तक पहुंच जाती है कि किताब को बैन करने की मांग होने लगती है तो कभी किताबों को जलाने और उसके ख़िलाफ़ प्रदर्शन होने लगते हैं। 

फ़िल्मों को लेकर भी अक्सर ऐसा होता रहता है। कुछ लोग मानते हैं कि इसकी एक बड़ी वज़ह किताब या फ़िल्म को पब्लिसिटी दिलाने की कोशिश है, लेकिन यदि इस पब्लिसिटी स्टंट से कुछ ज़्यादा नुकसान हो जाए तो मुश्किल बढ़ने लगती है।

मुश्किल में कांग्रेस

कांग्रेस के नाराज़ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री मनीष तिवारी की नई किताब ने विवादों से ज़्यादा कांग्रेस पार्टी को मुश्किल में डाल दिया लगता है और अब पार्टी मनीष तिवारी के ख़िलाफ़ ही कार्रवाई करने पर विचार कर रही है। संकट इतना बड़ा कि चर्चा शुरु होते ही कांग्रेस की अनुशासन समिति के हाल ही में अध्यक्ष बनाए गए पूर्व मंत्री एके एंटनी सीधे कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास पहुंच गए। मसला भी गंभीर है।