इन ट्रस्टों का काम निरंकुश चलता रहे, इसीलिए इनमें अपने पारिवारिक सदस्यों और जी-हुजूरियों को भर लिया जाता है। यह क़ानूनन अनिवार्य किया जाना चाहिए कि इन ट्रस्टों की आमदनी और खर्च का संपूर्ण विवरण हर साल सार्वजनिक किया जाए और किसी भी ट्रस्ट में एक परिवार का एक ही आदमी रखा जाए।
कांग्रेसी नेता बीजेपी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह चीन से तो पिट ली, लेकिन कांग्रेस पर फिज़ूल ग़ुर्रा रही है।
दरअसल, राजनीतिक पार्टियों और नेताओं से जुड़े इन सभी ट्रस्टों पर कड़ी निगरानी हर सरकार को रखनी चाहिए। लेकिन असली समस्या यह है कि बिना भ्रष्टाचार किए राजनीति चल ही नहीं सकती। राजनीति के हम्माम में सब नंगे हैं।
यह भी विचारणीय विषय है कि दान देनेवाले की पात्रता देखी जाए या नहीं? कोई अपराधी, कोई मतलबी, कोई विरोधी या कोई अनैतिक व्यक्ति आपके ट्रस्ट में दान दे रहा हो तो उससे लेना या नहीं लेना है, यह भी बड़ी समस्या है।