यह संतोष का विषय है कि भारत में कोरोना मरीजों के लिए नए-नए तात्कालिक अस्पताल दनादन खुल रहे हैं, ऑक्सीजन एक्सप्रेस रेलें चल पड़ी हैं, कई राज्यों ने मुफ्त टीके की घोषणा कर दी है, कुछ राज्यों में कोरोना का प्रकोप घटा भी है, ज्यादातर शहरों और गांवों में कुछ उदार सज्जनों ने जन-सेवा के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है।
कोरोनाः भारत क्यों चूक गया?
- विचार
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- 28 Apr, 2021
इस महामारी ने सिद्ध किया कि भारत के नेता और जनता, दोनों ही ज़रूरत से ज्यादा भोले हैं। दोनों अपनी लापरवाही की सजा भुगत रहे हैं। दुनिया के हर प्रमुख राष्ट्र ने महामारी के दूसरे दौर से मुकाबले की तैयारी की है, लेकिन भारत पता नहीं क्यों चूक गया?
कोरोना का डर इतना फैल गया है कि लोगों ने अपने घरों से निकलना बंद कर दिया है। जहाँ-जहाँ तालाबंदी और कर्फ्यू नहीं लगा हुआ है, वहाँ भी बाजार और सड़कें सुनसान दिखाई दे रही हैं। लोगों के दिल में डर बैठ गया है।