ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की गई वैक्सीन को लेकर दुनिया भर में जो हो रहा है वह आगे चलकर भारत के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। यह सब भारत की वैक्सीन नीति से होगा।
एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड के साथ ही भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का भी इस्तेमाल देश में हो रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ाई में भारत ने अपने सारे दाँव इन्हीं दो वैक्सीन पर लगाए हैं।
भारत में जिस गति से यह टीकाकरण चल रहा है उसे देखते हुए कहा जा रहा है कि अगले ढाई साल में सिर्फ़ 70 फ़ीसदी लोगों को ही वैक्सीन दी जा सकेगी।