राहुल गांधी ने हाल ही में विदेश जाने वालों के डंकी रूट का एक वीडियो जारी किया था। तो क्या हरियाणा में रोजगार न मिलने के कारण नौजवान निराश और हताश हैं? जानिए, आख़िर वास्तविक स्थिति कैसी है।
यदि बड़ी संख्या में लोग बागी होकर पार्टी के खिलाफ निर्दलीय या किसी पार्टी में शामिल होकर चुनाव लड़ते हैं तो वह ध्रुवीकरण क्या सिरे नहीं चढ़ पाएगा जिसकी बीजेपी इस बार उम्मीद कर रही थी?
हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी में बगावत और अंदरुनी कलह की ख़बरें हैं। तो सवाल है कि इस तरह की गुटबाज़ी में किसको बड़ा नुक़सान होगा?
हरियाणा में राज्यसभा के लिए राज्य का प्रतिनिधि एक ऐसी विधानसभा चुनेगी जिसकी उम्र अब कुछ ही हफ्ते की बची है और उसकी उलटी गिनती भी शुरू हो चुकी है। क्या यह नैतिक रूप से सही है?
केंद्रीय चुनाव आयोग का यह फैसला चौंकाने वाला है कि हरियाणा के प्रमुख शहरों में मतदान केंद्र रिहायशी प्राइवेट बिल्डिंगों में भी बनाए जाएंगे। विपक्षी दलों ने अभी इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन यह बहुत आपत्तिजनक है। ऐसा कभी नहीं हुआ। हालांकि वरिष्ठ पत्रकार हरजिंदर ने लिखा है कि इससे भाजपा को कोई फायदा नहीं मिलने वाला है। वैसे तमाम रेजिडेंस वेलफेयर एसोसिएशनों में भाजपा की पैठ है। जानिए हरजिंदर क्या बता रहे हैंः
गुरमीत राम रहीम सिंह को विधानसभा चुनाव से पहले फर्लो मिल गई। तमाम प्रयास के बाद भी लोकसभा में बीजेपी को बड़ा नुक़सान हुआ। तो लेकिन सवाल है कि भाजपा के पास विकल्प क्या हैं?
केंद्र की मोदी सरकार और चंद अर्थशास्त्री बजट 2024 की तारीफ में अभी तक डूबे हुए हैं। वरिष्ठ आर्थिक पत्रकार हरजिंदर ने इस मौके पर पिछली सरकारों के बजट को याद किया है। जानिए उनका आकलनः
बजट से ठीक पहले चंद्राबाबू नायडू की दिल्ली यात्रा के क्या मतलब हैं? चंद्राबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार दोनों ही अपने प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की बात करते रहे हैं।
केंद्र सरकार की कृषि नीति समय पर फैसला न लेने के बुरे नतीजों का शिकार हो चुकी है। सरसों बोने वाले किसानों के साथ इस बार कैसे धोखा हुआ है, उसे वरिष्ठ पत्रकार हरजिंदर के नजरिए से समझिए।
इस साल गेहूं का रेकॉर्ड उत्पादन होने की उम्मीद है लेकिन किसानों को उससे क्या फायदा होगा। सरकार की नीतियां क्या हैं, वरिष्ठ पत्रकार हरजिंदर ने उसी तरफ इशारा किया है।
एथेनाॅल परियोजना से जुड़ा एक तर्क है जो शायद अगले आम चुनाव तक चले। कहा जा रहा है कि इससे किसानों को फायदा होगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी। लेकिन क्या सच में ऐसा होगा?
कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा शुरू की गई मनरेगा योजना के लिए फंड को लगातार कम क्यों किया जा रहा है? जानिए इस योजना के बारे में पीएम मोदी ने 2015 में क्या कहा था।
जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का कृषि पर क्या असर होगा, यह गेहूँ की फ़सल पर इस बार साफ़ दिख गया। गेहूँ के दाने सूख गए। तो क्या आगे जल्द ही भुखमरी का संकट आने वाला है?
गेहूं निर्यात पर सरकार की दोगली नीति सामने आई है। एक तरफ उसने गेहूं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए टास्क फोर्स बनाई तो दूसरी तरफ गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि भारत में महामारी ने 47 लाख से भी ज्यादा लोगों की जान ली थी। डब्ल्यूएचओ ने उन खबरों की पुष्टि कर दी है जब कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे थे, ऑक्सीजन नहीं मिल रही थी।
देश में क्या गरीबी और अमीरी के बीच बढ़ती खाई का ही नतीजा है कि गौतम अडानी दुनिया के सबसे पाँच अमीरों में शामिल हो गए हैं? कोरोना जैसे संकट के बीच अडानी यह उपलब्धि कैसे हासिल कर पाए?
दुनिया के तमाम मुल्क़ महंगाई का दंश झेल रहे हैं। इसका सबसे ज़्यादा असर ग़रीब और मध्यम वर्ग पर हो रहा है। इस बीच रूस-यूक्रेन के युद्ध के कारण हालात और ख़राब हुए हैं।
ओमिक्रॉन की दहशत के बीच मास्क को लेकर जारी की गई चेतावनी का ख़ुद प्रधानमंत्री और बाक़ी बड़े नेता ही पालन न करें तो फिर चेतावनी जारी करने का क्या मतलब है।