बहुत समय बाद ऐसा हो रहा है कि केंद्रीय बजट का बड़े स्तर पर इंतज़ार किया जा रहा है। कॉर्पोरेट और उद्योग क्षेत्र तो हर साल ही बजट का बेसब्री से इंतज़ार करता था। बजट से काफी पहले विभिन्न उद्योग संगठन वित्तमंत्री के सामने बजट में राहत रियायत पाने की अपनी उम्मीदें पेश कर देते थे। वे इंतज़ार करते थे कि इनमें से कितनों को वित्तमंत्री ने माना और कितनों को ठंडे बस्ते में डाल दिया।