ख़बर है कि बिहार बीजेपी के सांगठनिक सचिव भिखू भाई दलसानिया ने राज्य बीजेपी के 23 पदाधिकारियों के साथ पटना में बैठक की और मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम में बूथ स्तर पर पार्टी के लोगों की सक्रियता सुनिश्चित करने को कहा। ऐसा इस अभियान से हो सकने वाले संभावित नुकसान को रोकने के लिए किया जा रहा है। इस पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष हंगामा मचा रहा है और सुप्रीम कोर्ट में 26 याचिकाएँ दाखिल की गई हैं। उल्लेखनीय है कि किसी ने भी इस प्रक्रिया पर रोक की मांग नहीं की है। अदालत ने एक बार की सुनवाई में सरकारी वकील से कई बातों का स्पष्टीकरण मांगने के बाद मतदाता पहचान पत्र बनाने में आधार कार्ड, पुराने मतदाता पहचान-पत्र और राशन कार्ड को भी विचार के लिए शामिल करने का सुझाव दिया जिन्हें चुनाव आयोग ने मतदाता पहचान के लिए ज़रूरी 11 दस्तावेजों में शामिल नहीं किया था। इसे ही लेकर सबसे ज़्यादा विवाद रहा है।