आयकर विभाग ने सोमवार को देशभर में कथित फ़र्ज़ी कर कटौती और छूट के दावों के ख़िलाफ़ एक बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है। यह कार्रवाई उन व्यक्तियों और संस्थाओं के ख़िलाफ़ है, जो आयकर रिटर्न यानी आईटीआर में फ़र्ज़ी दावों के ज़रिए कर चोरी में लिप्त पाए गए हैं। विभाग ने 200 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें विशेष रूप से कर्मचारी, बहुराष्ट्रीय कंपनियों यानी एमएनसी, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों यानी पीएसयू, सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों और उद्यमियों के दावों पर फोकस किया गया है।
ITR में सैलरी वालों के 'छूट के दावों' पर देशव्यापी छापेमारी, जानें कार्रवाई क्यों
- अर्थतंत्र
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- 14 Jul, 2025
आयकर विभाग ने वेतनभोगियों द्वारा ITR में किए गए 'छूट के दावों' की जांच के लिए देशभर में छापेमारी शुरू की है। जानिए किन कारणों से यह कार्रवाई की गई और किसे निशाना बनाया गया है।

कार्रवाई की वजह क्या?
आयकर विभाग ने इस कार्रवाई को आयकर अधिनियम, 1961 के तहत लाभकारी प्रावधानों के दुरुपयोग के बाद शुरू किया। विभाग ने एआई उपकरणों, तीसरे पक्ष से मिले वित्तीय डेटा और जमीनी खुफिया जानकारी का उपयोग करके संदिग्ध दावों की पहचान की। जांच में पाया गया कि कई करदाता, खासकर वेतनभोगी कर्मचारी, पेशेवर मध्यस्थों की मदद से फर्जी कटौतियों का दावा कर रहे थे, जिसमें मकान किराया भत्ता यानी एचआरए, राजनीतिक चंदा, शिक्षा ऋण ब्याज, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और गंभीर बीमारियों के लिए चिकित्सा व्यय शामिल हैं।