न्याय सिर्फ़ एक नजरिये की अवधारणा नहीं है इसमें संपूर्णता आवश्यक है। जब ऐसा नहीं होता तो सवाल उठाना जरूरी हो जाता है। जस्टिस यशवंत वर्मा के महाभियोग मामले में ऐसा ही एक सवाल भारत के पूर्व कानून मंत्री और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने उठाया है। एक इंटरव्यू के दौरान पूर्व क़ानून मंत्री ने कहा कि जस्टिस यशवंत वर्मा के महाभियोग मामले में विपक्ष को केंद्र का साथ तब तक नहीं देना चाहिए जबतक जस्टिस शेखर यादव का मामला इस दिशा में आगे नहीं बढ़ाया जाता।