पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार की नयी लैंड पूलिंग नीति 2025 का विरोध शुरू हो गया है। विपक्षी दलों ने इसे भगवंत मान सरकार द्वारा गरीब किसानों की जमीन शहरी विकास के नाम पर हथिया कर बिल्डरों-डेवलपरों और बड़ी करोबारी कंपनियों को देने की योजना बताया है। विभिन्न किसान संगठनों ने भगवंत मान सरकार को घेरने की तैयारी करना शुरू कर दी है। भूमि अधिग्रहण कानून के समानांतर एक नयी पॉलिसी द्वारा पंजाब के 17 बड़े शहरों के आसपास की कृषि भूमि का उपयोग बदल कर सतत शहरी विकास के लिए अधिग्रहण की योजना को सरकार लागू करने के लिए किसानों को 'समझाने' में लगी है।
पंजाब में लैंड पूलिंग नीति के चक्रव्यूह के विरोध में किसान
- पंजाब
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- 14 Jul, 2025
पंजाब में लैंड पूलिंग नीति को लेकर किसानों और भूमि मालिकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि यह नीति उनकी ज़मीन और अधिकारों के खिलाफ है। जानिए पूरा मामला और सरकार की प्रतिक्रिया।

सार्वजनिक प्रयोजन यानी सार्वजनिक मान्यता प्राप्त उद्देश्य या यूँ कहें तो लोक कल्याणकारी उपक्रम के उपयोग के लिए सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहित की जाती है। अनिवार्य भूमि अधिग्रहण यानी भूमि अधिग्रहण सरकार की वह शक्ति है जिसके तहत वह निजी भूमि को सार्वजनिक हित में, भूमि के मालिक की सहमति के बिना, अपने कब्जे में ले सकती है। यह शक्ति आमतौर पर बुनियादी ढाँचे के विकास, जैसे सड़कें, रेलवे, बांध, अस्पताल, स्कूल, बिजलीघर और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए उपयोग की जाती है। भारत में भूमि अधिग्रहण के लिए भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 और भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 जैसे कानून मौजूद हैं।