जिस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेमी-कंडक्टर-इकोसिस्टम पार्टनरशिप के एमओयू लिए सिंगापुर जा कर वहाँ के पीएम के सामने दावा किया कि भारत में वह कई सिंगापुर बनाना चाहते हैं, उसके एक दिन बाद भारत की इलेक्ट्रॉनिक कैपिटल बेंगलुरु में एक उत्तर भारतीय महिला “टेकी” को कन्नड़ न बोलने की वजह से नाराज टैक्सी ड्राइवर ने गाड़ी से उतार दिया। राज्य के लोगों को खुश करने की राजनीति के तहत उद्योगों में आरक्षण देने का कर्नाटक सरकार का विधेयक, जिसे बाद में उद्योगों के दबाव में रोका गया, आज भी उद्योगों को डरा रहा है। उधर देश की राजधानी से सटे फरीदाबाद मे स्वयंभू गौ-रक्षकों ने 29 किलोमीटर पीछा कर एक युवक को गौ-मांस का तस्कर समझ कर गोली मारकर हत्या कर दी। इस हत्यारे को पुलिस ने गौ-रक्षा के लिए गैर-राजकीय संस्था का सदस्य बनाया था यानी राज्य का प्रश्रय भी मिला था। देश में इसके पहले धार्मिक प्रतीकों के विवाद में कई मुसलमान –अखलाक, तबरेज, जुनैद, पहलू खान, वसीम –की हत्या पूरी दुनिया के अख़बारों में सुर्ख़ियों में रही।
मोदी जी, देश में कई सिंगापुर बनाना छोड़िये, सोमालिया बनना रोकिये!
- विचार
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- 7 Sep, 2024

मोदी जी, सिंगापुर “मच्योर 28एनएम के बड़े चिप” बनाता है जो केवल इंडस्ट्रीज, ऑटोमोबाइल्स और एप्लायंसेज में ही काम आती हैं। भारत को आने वाले एआई एप्लीकेशन के लिए 7एनएम और छोटे चिप चाहिए। ताइवान और अमेरिका को संतुष्ट करने के लिए देश का माहौल बदलिए।
मोदी जी, अब जब आप दावा (या इसका उल्टा वादा) करते हैं तो हास्यास्पद लगता है। “ये मोदी का वादा है” से आपके वोट घट रहे हैं।
दस साल पहले चुनावी मंचों से किसी उभरते नेता का दावा कि उसके जीतने के बाद हर गरीब की जेब में 15 लाख रुपये होंगे, जो बाद में “जुमला” बताया गया, तो एक-आध बार चल जाता है लेकिन प्रति-व्यक्ति आय में दुनिया के दूसरे-तीसरे नंबर पर आने वाले (और वह भी मात्र चंद दशकों में) औद्योगिक रूप से बेहद समर्थ देश के प्रधानमंत्री के ही सामने इस पैमाने पर 136 स्थान पर रहने वाले देश के पीएम का ऐसा दावा करना अंतरराष्ट्रीय मजाक का सबब बन गया है। ऐसे दावों को सुन कर आपके स्वास्थ्य पर चिंता होती है।