हरियाणा के चुनाव नतीजे को पचा पाना हर उस व्यक्ति के लिए मुश्किल है जिसने ज़मीन पर जाकर माहौल का आकलन किया था। बीजेपी सरकार के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त ग़ुस्सा था। फिर भी बीजेपी जीत गयी और कांग्रेस के संगठन से लेकर रणनीति तक पर ‘ज्ञानी-जनों' की ओर से लानतें बरसने लगीं। बताया जाने लगा कि यह कमाल आरएसएस के मज़बूत संगठन ने किया। आरएसएस कार्यकर्ता घर-घर गये और उन्होंने संभावित हार को जीत में बदल दिया।
हरियाणा चुनाव ठीक था तो वोट फ़ॉर डेमोक्रेसी रिपोर्ट पर चुप्पी क्यों?
- विचार
- |
- |
- 29 Mar, 2025

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव आयोग को चुनाव प्रक्रिया के निर्देशन और नियंत्रण की शक्तियों से लैस किया गया है। इसमें चुनाव प्रक्रिया को पूरी तरह संदेह से परे रखने की ज़िम्मेदारी भी शामिल है। लेकिन क्या ऐसा हो रहा है?
किसी ने नहीं पूछा कि आख़िर दस साल के कुशासन के पक्ष में संघ कार्यकर्ताओं ने क्या तर्क दिया होगा कि लोगों ने बीजेपी को वोट दे दिया? साढ़े नौ साल तक मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल कट्टर को चेहरा बनाने की बीजेपी हिम्मत नहीं कर सकी, फिर जनता ने उनके कहने पर बीजेपी को वोट कैसे दे दिया? बीजेपी सरकार के मंत्रियों तक को गाँवों से भगाया जा रहा था, मोदी की रैली में भीड़ नहीं जुट रही थी, लेकिन मतदान के दिन लोग बीजेपी को वोट देने टूट पड़े, क्यों?