पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पार्टी से अलग लाइन ली तो कांग्रेस के पूर्व सांसद उदितराज ने शशि थरूर पर तीखा हमला किया और पूछा कि क्या वो बीजेपी प्रवक्ता हैं। जानिए पूरा मामलाः
कांग्रेस के शशि थरूर (बाएं) और उदितराज (दाएं)
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस पार्टी के अंदर भी नया विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के पहलगाम हमले पर दिए गए बयानों और पाकिस्तान के नेता बिलावल भुट्टो को दी गई कड़ी प्रतिक्रिया ने उनकी ही पार्टी के नेता उदित राज को नाराज कर दिया है। उदित राज ने थरूर पर पार्टी लाइन से हटने और 'बीजेपी के प्रवक्ता' जैसे व्यवहार करने का आरोप लगाया है। इस बीच, भारत ने हमले के जवाब में पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं, जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ गया है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पहलगाम हमले की तुलना 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के दौरान इज़रायल की खुफिया विफलता से की। उन्होंने सुरक्षा चूक को स्वीकार करते हुए एक व्यापक नज़रिया अपनाने की अपील की। एएनआई से बातचीत में थरूर ने कहा, "स्पष्ट है कि कोई अचूक खुफिया जानकारी नहीं थी। कुछ विफलता जरूर रही... लेकिन हमारे सामने इज़रायल का उदाहरण है। जिसके पास दुनिया की सर्वश्रेष्ठ खुफिया एजेंसियाँ हैं लेकिन वे भी 7 अक्टूबर को चौंक गईं। मुझे लगता है, जिस तरह इज़रायल युद्ध समाप्त होने तक जवाबदेही की माँग करने से पहले इंतजार कर रहा है, उसी तरह हमें भी वर्तमान संकट से निपटने के बाद सरकार से जवाब माँगना चाहिए।"
थरूर ने यह भी कहा कि सफलतापूर्वक रोके गए आतंकी हमलों की जानकारी अक्सर सार्वजनिक नहीं होती, जबकि असफलताएँ सुर्खियाँ बनती हैं। उन्होंने कहा, “हम उन आतंकी हमलों के बारे में कभी नहीं जानते जो सफलतापूर्वक रोके गए। हम केवल उन हमलों के बारे में जानते हैं जिन्हें हम रोकने में असफल रहे। यह किसी भी देश में सामान्य है।”
थरूर ने पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो के उस बयान पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसमें भुट्टो ने भारत द्वारा सिंधु जल समझौता निलंबित करने के जवाब में कहा था कि “या तो सिंधु नदी में पानी बहेगा, या भारत का खून बहेगा।” थरूर ने इसे “भड़काऊ बयानबाजी” करार देते हुए कहा, “पाकिस्तानियों को समझना होगा कि वे भारतीयों को बिना सजा के नहीं मार सकते। हमारा पाकिस्तान पर कोई आक्रामक इरादा नहीं है, लेकिन अगर वे कुछ करते हैं, तो उन्हें जवाब के लिए तैयार रहना होगा। अगर खून बहेगा, तो शायद उनकी तरफ हमसे ज्यादा बहेगा।” उन्होंने भारत की परमाणु हथियारों की “नो फर्स्ट यूज” नीति को भी दोहराया।
उदित राज का पलटवार: थरूर के इन बयानों ने कांग्रेस के भीतर हलचल मचा दी। कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने हमले के लिए सरकार की “सुरक्षा चूक और खुफिया विफलता” को जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन थरूर का बयान इससे अलग है। कांग्रेस नेता उदित राज ने थरूर पर निशाना साधते हुए उनकी पार्टी निष्ठा पर सवाल उठाए। उन्होंने एएनआई से कहा, “मैं शशि थरूर से पूछना चाहता हूँ, क्या वे कांग्रेस पार्टी में हैं या बीजेपी में? क्या वे सुपर-बीजेपी मैन बनने की कोशिश कर रहे हैं? थरूर को बीजेपी से पूछना चाहिए कि सरकार पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) कब ले रही है? क्या थरूर बीजेपी के वकील बन गए हैं? क्या बीजेपी ने उन्हें अपना प्रवक्ता नियुक्त किया है?”
उदित राज ने थरूर के इज़रायल और हमास के हमले की तुलना पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “मैं उनसे पूछना चाहता हूँ, 9/11 के बाद अमेरिका में कौन सा आतंकी हमला हुआ? लेकिन यहाँ उरी हुआ, पुलवामा हुआ। इजरायल एक अपवाद है।” राज ने संकेत दिया कि थरूर ने राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद जैसे संवेदनशील मुद्दों पर पार्टी लाइन से हटकर बयान दिया।
थरूर के बयानों से कांग्रेस के भीतर मतभेद उजागर हो गए हैं। जहाँ पार्टी ने सरकार पर सुरक्षा चूक का आरोप लगाया और आतंकियों और उनके आकाओं को सजा देने के लिए सरकार को “बिना शर्त समर्थन” देने की बात कही, वहीं थरूर का रुख अधिक संयमित और सरकार के प्रति कम आलोचनात्मक रहा। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि थरूर का बयान उनकी व्यक्तिगत शैली को दर्शाता है, जो अक्सर वैश्विक परिप्रेक्ष्य और कूटनीतिक दृष्टिकोण को शामिल करता है। हालाँकि, उदित राज जैसे नेताओं का मानना है कि यह पार्टी की एकजुटता को कमजोर करता है।
पार्टी के अन्य नेताओं ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के “भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध की जरूरत नहीं” वाले बयान पर बीजेपी ने कड़ा ऐतराज जताया, जिससे कांग्रेस को और आलोचना का सामना करना पड़ा।
22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बाइसरण मीडो, जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से भी जाना जाता है, वहाँ चार से पाँच आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे, और एक स्थानीय घोड़ा चालक भी इस हमले का शिकार बना।
यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में सबसे घातक आतंकी हमला था। हमले की जिम्मेदारी 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने ली, जिसे भारत ने पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैबा (एलईटी) का सहयोगी माना है। हमले के बाद भारत ने तुरंत कड़े कदम उठाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा रद्द कर दिल्ली लौटकर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक बुलाई। इस बैठक में पाँच बड़े फैसले लिए गए।
इंडस वाटर ट्रीटी का निलंबन: 1960 का यह जल समझौता तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता। वाघा-अटारी बॉर्डर बंद: यह चेकपोस्ट 1 मई, 2025 तक बंद रहेगा। पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द: सभी वीजा, जिसमें सार्क वीजा शामिल हैं, रद्द कर दिए गए, और पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया। पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों का निष्कासन: नई दिल्ली में तैनात पाकिस्तानी सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को एक सप्ताह में देश छोड़ने का आदेश। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कार्रवाई: भारत ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद समर्थन का मुद्दा उठाने का फैसला किया।
पाकिस्तान ने हमले में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया और इसे “झूठा ऑपरेशन” करार दिया। पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बात की और भारत के कदमों को “एकतरफा और अवैध” बताया। चीन ने हमले की निंदा की, लेकिन दोनों देशों से “अधिकतम संयम” बरतने की अपील की।
अमेरिका ने भारत के प्रति “पूर्ण समर्थन” व्यक्त किया, लेकिन दोनों देशों से “जिम्मेदार समाधान” की दिशा में काम करने को कहा। बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और इंडोनेशिया ने भी भारत के साथ एकजुटता दिखाई।
पहलगाम आतंकी हमला न केवल एक राष्ट्रीय त्रासदी है, बल्कि यह भारत की सुरक्षा, कूटनीति और राजनीतिक परिदृश्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ भी है। शशि थरूर और उदित राज के बीच का विवाद कांग्रेस के सामने आने वाली आंतरिक चुनौतियों को दर्शाता है, जबकि भारत-पाकिस्तान तनाव क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बना हुआ है। आने वाले दिन इस बात को निर्धारित करेंगे कि क्या यह संकट कूटनीति से हल होगा या और गहराएगा।