तेलंगाना में मुस्लिमों की आबादी करीब 13 फीसदी है और वो राज्य की 119 सीटों में से 45 पर नतीजों का रुख मोड़ सकते हैं। ऐतिहासिक रूप से तेलंगाना के मुसलमान सत्तारूढ़ भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) और उसके सहयोगी ओवैसी की एआईएमआईएम के समर्थक रहे हैं। लेकिन बीआरएस और ओवैसी अभी तक तेलंगाना के मुसलमानों को नहीं समझा पाए हैं कि बीआरएस और भाजपा में किसी तरह का कोई गुप्त समझौता नहीं है। तेलंगाना के मुसलमानों का मानना है कि कहीं न कहीं बीआरएस और भाजपा में कोई डील है। ओवैसी भी हैदराबाद से निकलकर अपनी राजनीति से भाजपा को फायदा पहुंचा देते हैं। इन्हीं वजहों से अब तेलंगाना का मुस्लिम कांग्रेस की तरफ लौट रहा है। इस सिलसिले में मंगलवार को मुस्लिम संगठनों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने कांग्रेस के समर्थन का ऐलान कर दिया है। इससे बीआरएस को बड़ा झटका लगा है।
क्या तेलंगाना के मुस्लिम बाज़ी पलट सकते हैं, बीआरएस क्यों सदमे में है?
- राजनीति
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- 29 Mar, 2025
तेलंगाना में मुस्लिम राजनीति इस चुनाव को प्रभावित करने जा रही है। मुस्लिमों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) ने अब कांग्रेस को खुला समर्थन देकर सत्तारूढ़ भारतीय राष्ट्रीय समिति (बीआरएस) को बड़ा झटका दे दिया है। तेलंगाना में ओवैसी सिर्फ हैदराबाद तक सिमटे हुए हैं, लेकिन मुस्लिम तेलंगाना के बाकी हिस्सों में भी फैले हैं और वही कांग्रेस की ताकत बनते जा रहे हैं।
