इसके पहले देवल ने सिद्धू पर हमला बोलते हुए कहा था कि वह राजनीतिक फ़ायदे के लिए दुष्प्रचार कर रहे हैं और राज्य सरकार के कामकाज में बाधा डाल रहे हैं।
क्या कहा सिद्धू ने?
उन्होंने ट्वीट किया, "श्रीमान एडवोकेट जनरल, कांग्रेस पंजाब की सत्ता में इस आश्वासन के बल पर आई थी कि गुरु ग्रंथ साहिब के साथ हुई बदसलूकी के मामले में न्याय किया जाएगा। इस मामले में आप षठयंत्रकारियों के साथ थे और अदालत में राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे।"
सिद्धू ने इसके आगे लिखा,
आज आप उसी राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और मुझ पर दुष्प्रचार का आरोप लगा रहे हैं, मैं न्याय के लिए पूरी ताक़त लगा कर ल़ड़ रहा हूँ और आप लोगों को ज़मानत दिलवा रहे हैं।"
एडवोकेट जनरल निशाने पर क्यों?
सिद्धू ने एडवोकेट जनरल पर पलटवार कर यह साफ कर दिया है कि वह किसी सूरत में रुकने या पीछे मुड़ने को तैयार नहीं हैं।
संकट में कांग्रेस
सिद्धू का एक तरह से यह हाईकमान को अल्टीमेटम था और वह चाहते हैं कि चन्नी सरकार देओल को एडवोकेट जनरल के पद से हटाने की उनकी मांग को पूरा करे। इसके अलावा सिद्धू डीजीपी आईपीएस सहोता को भी हटाना चाहते हैं।
लेकिन देओल का पलटवार इस बात को बताता है कि कहीं न कहीं उनकी पीठ पर चन्नी सरकार का हाथ है। वरना हुकूमत चला रही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर इतना बड़ा आरोप लगाना आसान नहीं है। वह भी सिद्धू जैसे हाई प्रोफ़ाइल नेता पर।
इससे पहले कांग्रेस नेतृत्व इस बात पर राजी हो गया था कि सिद्धू को मनाने के लिए देओल को हटा दिया जाएगा।