'पहले मैं सरकार का हिस्सा था लेकिन अब मैं नहीं हूँ। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि कौन कहाँ बैठता है, जो अहम है वह यह है कि लोगों के दिल और दिमाग में क्या है। जहाँ तक बैठने के पैटर्न का सवाल है तो यह स्पीकर और पार्टी द्वारा तय किया जाता है और मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।'
बीजेपी को यह उम्मीद भी नहीं रही होगी कि पायलट के अशोक गहलोत से हाथ मिलाने के बाद पायलट गुट के विधायक कांग्रेस सरकार के विरोध में मत डालेंगे।