भारतीय महिला क्रिकेट टीम विश्व कप जीती। फोटो साभार: एक्स/@BCCIWomen
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को वर्ल्ड कप जीत इतिहास रच दिया। इसने आईसीसी महिला विश्व कप 2025 के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार वर्ल्ड कप का खिताब जीता। 298/7 का मजबूत स्कोर खड़ा करने के बाद भारतीय गेंदबाजों ने कमाल कर दिखाया। कप्तान हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में टीम इंडिया ने न सिर्फ घरेलू मैदान पर धमाल मचाया, बल्कि महिला क्रिकेट में नया अध्याय लिख दिया। भारत की पहली आईसीसी महिला वनडे विश्व कप ट्रॉफी ने 1983 के पुरुष विश्व कप की यादें ताजा कर गईं। तब पुरुष टीम ने पहली बार विश्व कप जीता था।
भारतीय महिला टीम ने नवी मुंबई में हुए फाइनल में 50 ओवरों में 7 विकेट खोकर 298 रन बनाए। 299 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए लॉरा वोल्वार्ड्ट के जुझारू शतक के बावजूद दक्षिण अफ्रीका की टीम 246 रनों पर ढेर हो गई। इससे पहले शेफाली वर्मा के 87 रनों की पारी के बाद दीप्ति शर्मा और ऋचा घोष ने आक्रामक पारी खेली। दीप्ति ने तीन चौकों और एक छक्के की मदद से 58 रन बनाए और ऋचा ने 24 गेंदों पर 34 रन बनाए और। दोनों ने छठे विकेट के लिए 47 रनों की साझेदारी करके टीम को मज़बूत स्थिति दी। बीच के ओवरों में जेमिमा रोड्रिग्स (24) और कप्तान हरमनप्रीत कौर (20) सस्ते में आउट हो गईं।
डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम में भरे मैदान के सामने गूंजते उत्साह और तालियों के बीच यह जीत भारत की लंबी प्रतीक्षा का गौरवशाली अंत साबित हुई। 298/7 का मजबूत स्कोर खड़ा करने के बाद भारतीय गेंदबाजों, खासकर दीप्ति शर्मा की पांच विकेट की घातक गेंदबाजी ने दक्षिण अफ्रीका को 246 रनों पर समेट दिया।
वर्षों की हार के दर्द को भुलाकर भारत ने न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की तरह ओडीआई विश्व चैंपियन की सूची में अपना नाम दर्ज कर लिया। आखिरी विकेट गिरते ही मैदान पर भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हरमनप्रीत कौर ने विजयी दहाड़ लगाई, आंसू उनकी आंखों में चमक रहे थे। दो दशकों के अधूरे सपनों की यह चीख थी। स्टैंड्स में खड़े रोहित शर्मा ने तालियां बजाकर राष्ट्र की गर्व, राहत और खुशी को व्यक्त किया।
विश्व कप के फाइनल में भारतीय महिला क्रिकेट टीम। फोटो साभार: एक्स/@BCCIWomen
शेफाली, दीप्ति-ऋचा की आक्रामकता
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने चुनौतीपूर्ण पिच पर 50 ओवरों में 7 विकेट खोकर 298 रन बनाए। स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा ने 17.4 ओवरों में 104 रनों की साझेदारी कर ठोस शुरुआत दी। यह टूर्नामेंट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सबसे बड़ी ओपनिंग पार्टनरशिप थी। शेफाली को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ असफलता के दबाव में खेल रही शेफाली ने शानदार जवाब दिया। उन्होंने 49 गेंदों में अर्धशतक जड़कर ओडीआई विश्व कप इतिहास में पुरुष या महिला वर्ग में सबसे कम उम्र की बल्लेबाज बनकर अर्धशतक बनाने का रिकॉर्ड कायम किया।
शेफाली ने विश्व कप में अपना सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर बनाते हुए 78 गेंदों पर 87 रन ठोके, जिसमें 7 चौके और 2 छक्के शामिल थे। मंधाना ने शुरुआत में सतर्कता बरती, लेकिन जल्द ही लय पकड़ी और 58 गेंदों पर 45 रन बनाए।
क्लो ट्रायन ने मंधाना को आउट कर साझेदारी तोड़ी, जिसके बाद जेमिमा रोड्रिग्स क्रीज पर आईं। जेमिमा और शेफाली ने दूसरे विकेट के लिए 62 रन जोड़े। शतक की ओर बढ़ रही शेफाली को आयोबोंगा खाका ने सुने लूस के हाथों कैच कराकर पवेलियन भेजा, जब वे हवा में शॉट खेलने की कोशिश कर रही थीं।
मध्यक्रम में कप्तान हरमनप्रीत कौर (20) और जेमिमा (24) ऑस्ट्रेलिया मैच वाली जादू नहीं दोहरा सकीं। हरमनप्रीत नॉनकुलुलेखो म्लाबा की गेंद पर और जेमिमा खाका की शिकार बनीं। आखिरी 10 ओवरों में भारत ने केवल 69 रन जोड़े। दीप्ति शर्मा ने धैर्यपूर्ण पारी खेली और 58 रन बनाए। मारिजाने कैप और एनेके बॉश ने उन्हें दो जीवनदान दिए, लेकिन वे इसका फायदा नहीं उठा सकीं।
आखिरी झटका ऋचा घोष ने दिया। 24 गेंदों पर 34 रन की तूफानी पारी में उन्होंने 3 चौके और 2 छक्के जड़े, जिससे भारत 300 के करीब पहुंच सका। खाका ने ऋचा को आउट किया। दक्षिण अफ्रीका की ओर से खाका सबसे सफल गेंदबाज रहीं। उन्होंने 9 ओवरों में 58 रन देकर 3 विकेट लिए। म्लाबा, ट्रायन और नादिन डी क्लर्क ने एक-एक विकेट लिया।
दीप्ति का पांच विकेट हॉल
299 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका ने सतर्क शुरुआत की। लॉरा वोल्वार्ड्ट और ताजमिन ब्रिट्स शुरुआती ओवरों में रेनुका सिंह और क्रांति गौड़ की कसी गेंदबाजी से जूझीं। लेकिन जल्द ही दोनों ने लय पकड़ी और बाउंड्री लगानी शुरू की। अमनजोत कौर के शानदार डायरेक्ट हिट से ब्रिट्स की पारी 35 गेंदों पर 23 रनों (2 चौके, 1 छक्का) पर समाप्त हुई।
चारणी ने जल्द ही एनेके बॉश को शून्य पर आउट कर दक्षिण अफ्रीका को झटका दिया। सुने लूस ने वोल्वार्ड्ट के साथ तीसरे विकेट के लिए 52 रनों की साझेदारी की कोशिश की, लेकिन हरमनप्रीत की रणनीतिक चाल शेफाली वर्मा को गेंदबाजी पर लगाना खेल बदल गई। शेफाली ने लूस को 25 रन पर आउट किया और फिर कैप को लेग साइड में कैच कराकर 'गोल्डन आर्म' की उपाधि हासिल की। वोल्वार्ड्ट ने 96 गेंदों पर शानदार शतक (101 रन, 11 चौके, 1 छक्का) पूरा किया। वह विश्व कप सेमीफाइनल और फाइनल दोनों में शतक बनाने वाली दूसरी खिलाड़ी बनीं। लेकिन दीप्ति की गेंद पर अमनजोत कौर ने कैच लेकर उन्हें पवेलियन भेजा। दीप्ति ने क्लो ट्रायन को डबल डिजिट तक नहीं पहुंचने दिया। 41वें ओवर में उनके दो विकेट ने भारत को कमान सौंप दी। भारत की जीत पर प्रधानमंत्री मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता ने भारतीय टीम की जीत को गौरवशाली क्षण बताया है।
यह जीत महिला क्रिकेट में नया अध्याय है। घरेलू मैदान पर धमाल मचाकर भारत ने साबित किया कि अब वह विश्व चैंपियन है। राष्ट्र भर में जश्न का माहौल है, और यह ट्रॉफी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।