अडानी पर मोदी सरकार की मुसीबतों का अंत नहीं हो रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडानी समूह और मोदी सरकार के रिश्तों पर आज 15 मार्च को नए आरोप लगाए। उधर, इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में भी अडानी समूह के एक नए विवाद की तरफ इशारा किया गया है। जानिए पूरी बात।
अडानी मामले में विपक्ष ने मोदी सरकार पर दबाव और बढ़ा दिया है। संसद पिछले तीन दिनों से ठप पड़ी है। ईडी दफ्तर तक विपक्षी सांसद और उनकी पार्टियां आज बुधवार को मार्च निकाला। हालांकि उनके मार्च को विजय चौक पर रोक दिया गया।
अडानी मुद्दे पर कांग्रेस ने आज सोमवार 13 मार्च को देशभर में प्रदर्शन किए। इससे पहले इसी मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और बीआरएस ने सोमवार सुबह प्रदर्शन किया था।
अडानी मुद्दे पर सरकार की चुप्पी क्या किसी नीति का हिस्सा है। वरिष्ठ पत्रकार वंदिता मिश्रा ने आज अपने इस स्तंभ में सवालों के जरिए पूछा है कि आखिर इस सारे मामले की जांच क्यों नहीं होना चाहिए। उनके सवालों को समझिए और बतौर जागरूक नागरिक खुद से भी सवाल करिए।
अडानी समूह पर लगे आरोपों के मामले में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस को सबूत पेश करने की चुनौती दी है।
अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद तमाम सोशल मीडिया साइट्स पर हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन पर कई आरोप लगाए गए। एंडरसन ने जवाब में सच्चाई बताई है। क्या है वो सत्यः
अडानी समूह के खिलाफ सेबी कोई जांच कर रहा है। मीडिया की तरफ से खबरे हैं लेकिन कोई बयान नहीं है। अब तमाम आर्थिक अखबारों ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सेबी 15 फरवरी को वित्त मंत्री को इस कथित जांच के बारे में अपडेट देगा।
संसद की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने आज सोमवार को हंगामा किया। सरकार ने अडानी समेत विपक्ष के किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं होने दी गई। भारी हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही 13 मार्च तक स्थगित कर दी गई
भारत में पहले दौर के पूंजीपतियों और मौजूदा दौर के पूंजीपतियों का महीन अंतर समझा रहे हैं पत्रकार और लेखक अपूर्वानंद। उनके मुताबिक पहले दौर के पूंजीपति राष्ट्र निर्माण में भी भूमिका निभाते रहे हैं। नया दौर सेठ तंत्र विकसित कर रहा है, जो सिर्फ अपने मुनाफे के बारे में सोचता है।
अडानी के मामले में पीएम मोदी उनसे रिश्तों का अब चाहे लाख छिपाना चाहें, वो छिप नहीं सकता। देश में यह संदेश साफ जा चुका है कि अडानी-मोदी रिश्ते बहुत साफ हैं। इसे चाहकर भी नहीं छिपाया जा सकता।
दुनियाभर में आर्थिक मामलों की प्रतिष्ठित पत्रिका द इकोनॉमिस्ट ने भारत में अडानी मामले पर तीखे सवाल किए हैं। उसने इस मामले को कवर स्टोरी बनाया है। उसने हिंडनबर्ग रिसर्च से उठने सवालों को और गहराई से उठाया। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस समय अडानी मामला और केंद्र सरकार की साख चर्चा का विषय है।
अडानी समूह पर लगे तमाम आरोपों के बीच नेशनल स्टॉक एक्सचेज ने अडानी की दो कंपनियों को निगरामी सिस्टम से हटा दिया है। यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है। दूसरी तरफ अडानी समूह के खिलाफ सरकार एजेंसियों की जांच की खबरें मीडिया में चारों तरफ से हैं लेकिन उन एजेंसियों ने अपनी तौर पर कोई घोषणा नहीं की है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश की जनता के नाम जारी अपील में कहा है कि अडानी को लेकर क्या संसद में कोई सवाल पूछना अपराध है। खड़गे ने ऐसे 10 सवाल किए हैं। जानिए क्या हैं वे सवालः
क्या कांग्रेस और नेहरू को कोसकर प्रधानंमंत्री मोदी अडानीगेट को छिपा सकते हैं। पिछले नौ साल से पीएम मोदी कांग्रेस और नेहरू को कोस रहे हैं। लेकिन सच को सामने आने से नहीं रोका जा सका।
प्रधानमंत्री मोदी आज गुरुवार को राज्यसभा में डेढ़ घंटे तक धाराप्रवाह बोलते रहे। निशाने पर कांग्रेस से भी ज्यादा गांधी-नेहरू परिवार था। अडानी मुद्दा आज भी उनके भाषण से गायब रहा। लेकिन विपक्ष ने पूरी ईमानदारी से अडानी मुद्दे को नारे के जरिए पूरी दुनिया में पहुंचा दिया। लोकसभा में राहुल तो राज्यसभा में विपक्ष के नारे बीजेपी को बहुत समय तक परेशान करने वाले हैं।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री मोदी ने आज गुरुवार को राज्यसभा में विपक्ष के कई आरोपों का जवाब दिया। लेकिन आज की जो खास बात है वो ये कि पीएम का पूरा भाषण विपक्षी नारों के बीच हुआ। विपक्ष ने अडानी से पीएम को जोड़कर करप्शन के नारे खुलेआम लगाए, जिसे पूरी दुनिया ने देखा और सुना।
अडानी समूह की कंपनियों में फ्रांस की टोटल एनर्जी कंपनी का सबसे ज्यादा निवेश है। हाल ही में दोनों कंपनियों के बीच हाइड्रोजन प्रोजेक्ट को लेकर डील हुई थी लेकिन उस पर हस्ताक्षर बाकी हैं। टोटल ने कहा है कि फिलहाल इस डील पर हस्ताक्षर नहीं किए जा रहे हैं।
अडानी समूह पर लगे आरोपों को लेकर दाखिल दो जनहित याचिकाओं पर जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है। दोनों याचिकाओं की मांग अलग तरह की हैं।
पीएम मोदी आज गुरुवार को राज्यसभा में 2 बजे संबोधित करने वाले हैं। कहा जा रहा है कि पीएम आज राहुल के सवालों का जवाब दे सकते हैं। इस बीच अडानी और पीएम मोदी से जुड़ी राहुल की 18 टिप्पणियों को लोकसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया है।
अडानी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के चुभते सवालों का पीएम मोदी ने जिस तरह जवाब दिया है, वो देश ने देखा, सुना और समझा। आखिर प्रधानमंत्री ने ऐसा क्यों किया, बता रहे हैं पंकज श्रीवास्तव...
कांग्रेस-बीजेपी के बीच अब अडानी के बजाय राहुल गांधी पर जंग छिड़ गई है। संसदीय कार्यवाही से राहुल के आरोपों को हटाने पर कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया। दूसरी तरफ बीजेपी सांसद राहुल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे रहे हैं। क्या कहते हैं संसदीय नियम, जानिएः
अडानी मुद्दा गरम है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। राहुल ने आरोपों के दौरान अडानी के श्रीलंका प्रोजेक्ट का जिक्र किया था। आखिर क्या था वो प्रोजेक्ट, राहुल कितना सच बोले, जानिएः
संसद में अडानी पर आज फिर घमासान होने वाला है। बीजेपी के तमाम नेता और सांसदों ने राहुल पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस शासन के घोटाले याद किए जा रहे हैं। राहुल के सवालों का जवाब कोई नहीं दे रहा है। अलबत्ता पीएम मोदी आज बुधवार को दोपहर बाद राहुल को जवाब दे सकते हैं। उसकी तैयारी जारी है।
संसद में चौथे दिन भी हंगामा हुआ। सरकार ने कल सोमवार को विपक्षी नेताओं से कई बैठकें और संसद चलाने का अनुरोध किया। दोपहर बाद ही सदन में ठीक से चर्चा का माहौल बना। उसे पहले सदन दो बार स्थगित हुआ।
अडानी पर अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) भी अडानी के साथ खड़ा हो गया है। उसके मुखपत्र ऑर्गनाइजर ने खुलकर उन लोगों को घेरा है जो अडानी को लेकर सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। आमतौर पर संघ ऐसे विवादास्पद आर्थिक मामलों में हाथ नहीं सेंकता है। आखिर कुछ तो इसका मतलब है।
अडानी मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज शनिवार को पहला बयान दिया। निर्मला ने कहा कि अडानी को एलआईसी और एसबीआई सहित तमाम बैंकों ने नियमों का पालन किया है।