हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन गहन विश्लेष का विषय है। पार्टी को 60 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद नोटा से कम वोट मिले। सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। फिर भी इस पार्टी को समझौते में कांग्रेस से ज्यादा सीटें चाहिए। आप प्रमुख केजरीवाल हरियाणा के ही रहने वाले हैं। हरियाणा के वैश्य समुदाय ने ही सबसे पहले उनके लिए चंदा जमाकर उन्हें राजनीतिक ताकत दी थी। इसलिए केजरीवाल की दबी हुई हसरत हरियाणा में अपनी सरकार बनते देखना है। जल्द ही पूरा विश्लेषण पेश किया जाएगा। इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा।
भाजपा प्रदेश में तीसरी बार अपनी सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ करने में मशगूल है। कांग्रेस के हुडा गुट से असंतुष्ट कई नेता पार्टी छोड़ भाजपा की ओर बढ़ गए हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव में किसका पलड़ा भारी रहेगा?
किसी भी राज्य में चुनाव के दौरान स्थानीय समस्याओं और मुद्दे से दूर हटाकर चुनाव प्रचार को राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों या राष्ट्रवाद से जोड़ने का जो 'मोदी मॉडल' है वह चला ही नहीं।
बीजेपी और जेजेपी ने हरियाणा में मिलकर सरकार बनाने की घोषणा तो कर दी है लेकिन सवाल यह है कि क्या विधानसभा चुनाव में बीजेपी के ख़िलाफ़ ताल ठोकने वाले दुष्यंत चौटाला उसके साथ सरकार चला पायेंगे।
हरियाणा के चुनावी नतीजों के बाद बीजेपी बेहद चौकन्नी हो गई है क्योंकि उसका अगला लक्ष्य दिल्ली में सरकार बनाने का है और हरियाणा के चुनावी नतीजे यहां उसके दावे को कमजोर करते हैं।
विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान और उससे पहले भी जिस बीजेपी को दुष्यंत कोसते रहे क्या उसके साथ सरकार चला पाना उनके लिए संभव होगा।
हरियाणा में चल रही राजनीतिक गहमागहमी के बीच ख़बर यह है कि जननायक जनता पार्टी साथ मिल कर बीजेपी सरकार बनाएगी।
बीजेपी ने भले ही सरकार बनाने का दावा करने की बात कह रही हो लेकिन जननायक जनता पार्टी यानी जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
हरियाणा में सरकार बनाने के लिए राजनीतिक हलचल तेज़ है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दिल्ली में पहुँच चुके हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी आज ही दावे पेश कर शपथ ग्रहण भी करा दे।
हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा बलात्कार और दूसरे आरोपों में 18 महीने जेल में थे। बीजेपी उनकी मदद से हरियाणा में सरकार बनाने जा रही है।
विधानसभा चुनाव में क्यों फेल हुआ राष्ट्रवाद? क्यों हिंदुत्व पर नहीं पड़ा वोट? जनता क्यों है नाराज़? सत्य हिंदी पर देखिए आशुतोष की बात में हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव नतीजों का विश्लेषण।
चुनाव परिणाम पूरी तरह विपरीत रहे हैं और बीजेपी को 40 सीटों पर जीत मिली है जो कि पिछले चुनाव से 7 सीट कम है।
महाराष्ट्र व हरियाणा विधानसभा चुनाव और कई दूसरे राज्यों में उपचुनावों का मिलाजुला परिणाम आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने पार्टी की बड़ी जीत बताया।
हरियाणा के मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्यपाल सत्यदेव नारायण सिंह से मिलने का समय माँगा है। समझा जाता है कि वह सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
अब तक मिले रुझानों के आधार पर हरियाणा में 7 मंत्री अपने-अपने चुनाव क्षेत्र में पीछे चल रहे हैं, उनका जीतना बेहद मुश्किल लग रहा है।
हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा बनने की संभावना के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी के ख़िलाफ़ हरियाणा में सभी दल साथ आएँ।
हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है।
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 40, कांग्रेस को 31, जेजेपी को 10 और अन्य को 9 सीटें मिली हैं।
महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं जबकि हरियाणा में 90 सीटें हैं।
आज तक-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल ने बीजेपी के नेताओं की नींद उड़ा दी है। पोल के मुताबिक़, राज्य में त्रिशंकु विधानसभा बनने के आसार हैं।
तमाम एग्ज़िट पोल में महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों में बीजेपी क्यों जीतती दिख रही है और विपक्ष कहीं नज़र नहीं आ रहा है? मोदी और अमित शाह के नेतृत्व की क्या वह रणनीति और कहाँ पिछड़ रहा है कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष? देखिए आशुतोष की बात में क्या हैं एग्ज़िट पोल के मायने?
आजतक एक्सिस माइ इंडिया के एग्ज़िट पोल पर भरोसा किया जाए तो हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा बनती दिख रही है।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है और अब 24 अक्टूबर को आने वाले चुनाव नतीजों का इंतजार है।
महाराष्ट्र और हरियाणा के अलावा 18 राज्यों में विधानसभा की 51 सीटों और लोकसभा की 2 सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए भी मतदान हो रहा है।
महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है और अब 24 अक्टूबर को चुनाव नतीजों का इंतजार है।
एबीपी न्यूज़-सी वोटर का सर्वे बताता है कि महाराष्ट्र और हरियाणा में बीजेपी सत्ता में वापसी कर रही है। हालांकि महाराष्ट्र में पार्टी को हरियाणा जैसी प्रचंड जीत मिलती नहीं दिख रही है। देखिये सत्य हिन्दी पर दोनों राज्यों का चुनावी विश्लेषण।