जिस अमेरिकी क्षण की दुनिया को प्रतीक्षा थी, वह अंततः आ ही गया!
बीस जनवरी, मंगलवार की रात लगभग सवा दस बजे जब भारत के नागरिक सोने की तैयारी कर रहे थे, वाशिंगटन में दिन के पौने बारह बज रहे थे। यही वह क्षण था जिसकी अमेरिका के करोड़ों नागरिक रात भर प्रतीक्षा कर रहे थे।