बीजेपी ने यह कई बार कहा है कि नीतीश के नेतृत्व में ही बिहार का विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। लेकिन क्या इसके बाद भी कुछ खटपट बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के मन में है।
अमित शाह ने डिजिटल रैली में एक बार फिर दोहरा दिया कि आगामी चुनाव में नीतीश ही गठबंधन के नेता रहेंगे। इसके बावजूद नीतीश को लेकर बहुत से किंतु-परंतु बाक़ी हैं। ये माना जा रहा है कि नीतीश अब बीजेपी के लिए बोझ बन गए हैं और चुनाव के पहले या बाद में वह उनसे मुक्त होना चाहेगी। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
Suniye Sach में देखिए दिन की सबसे बड़ी ख़बरों पर वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण। Satya Hindi
अमृतसर स्थित स्वर्णमंदिर में आज फिर खालिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगे। अकाल तख़्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि नारों में कोई बुराई नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर उन्हें खालिस्तान दिया जाएगा तो वे ज़रूर लेंगे क्योंकि हर सिख यही चाहता है। सवाल उठता है कि इन अलगाववादी हलचलों पर प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी ने मुँह पर ताला क्यों लगा रखा है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
Suniye Sach में देखिए दिन के सबसे महत्वपूर्ण समाचारों पर वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण। Satya Hindi
पीएम केयर्स फंड पहले दिन से ही विवादों से घिरा हुआ है। दो-दो हाईकोर्ट में इससे संबंधित याचिकाएँ दायर हुई हैं और उम्मीद जगी है कि मोदी सरकार को रवैया बदलने के लिए बाध्य होना पड़ सकता है।
पीएम केयर्स फंड शुरू से विवादों और संदेहों के घेरे में है। मोदी सरकार नहीं बता रही है कि इसमें पैसा देने वाले कौन हैं और पैसा कहाँ खर्च हो रहा है। अब दिल्ली एवं बाम्बे हाईकोर्ट पर सबकी नज़र है कि क्या वे सरकार को पारदर्शिता बरतने के लिए बाध्य कर पाएंगे? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
Suniye Sach: दिन की सबसे महत्वपूर्ण समाचारों पर हमारा विश्लेषण। देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ। Satya Hindi
गोरे पुलिस वाले द्वारा काले जॉर्ज फ्लॉयड की बर्बर हत्या के बाद से अमेरिका में प्रदर्शन जारी हैं, और अब ये तो दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी फैल गए हैं। भारत में भी इस घटना को लेकर बेचैनी देखी जा रही है। लेकिन ऐसा ही रंगभेद और नस्लवाद भारत में भी है पर हम अमरीकियों की तरह उसके ख़िलाफ़ सड़कों पर क्यों नहीं उतरते? क्या हमारी ये बेचैनी ढोंग नहीं है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
Suniye Sach: दिन की सबसे महत्वपूर्ण समाचारों पर विश्लेषण। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ। Satya Hindi
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन पर अमीरों के क्लब जी-7 में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है। क्या भारत का इससे रुतबा बढ़ेगा या फिर ये केवल छलावा है और ट्रम्प भारत को चीन के ख़िलाफ़ इस्तेमाल करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
सत्य हिंदी के ख़ास कार्यक्रम सुनिए सच में देखिए दिन के सबसे महत्वपूर्ण समाचारों का विश्लेषण वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ। Satya Hindi
राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के भड़काऊ बयान और उकसाने वाली कार्रवाइयाँ अमेरिका में गृहयुद्ध के हालात पैदा कर रही हैं। जॉर्ज फ्लायड की निर्मम हत्या से क्रोधित प्रदर्शनकारी इससे और भी भड़क गए हैं। मगर ट्रम्प उन्हें शांत करने के बजाय ताक़त का इस्तेमाल करके दबाना चाहते हैं। इससे हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
कोरोना मामले पर सुनवाई कर रही बेंच के एक जज को बदलने के साथ ही गुजरात हाईकोर्ट के सुर बदल गए हैं। पिछली बेंच ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया था और कड़ी टिप्पणियाँ की थीं, मगर नई बेंच ने रविवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार के प्रति अत्यधिक नरमी दिखाई। क्या हाईकोर्ट राज्य सरकार के लिए ढाल बनने की कोशिश कर रहा है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
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पीयूष गोयल को मोदी सरकार के सबसे प्रतिभाशाली मंत्री के रूप में पेश किया जाता था मगर कोरोना संकट के दौरान वे सबसे नाकारा मंत्री के तौर पर सामने आए हैं। पिछले एक महीने के दौरान मज़दूरों को उनके घर पहुँचाने के काम में बार-बार ग़लतियाँ की हैं। ट्रेन किराया से लेकर ट्रेनों के भटकने और अब 80 मौतों ने उनकी क्षमताओं को बेनकाब कर दिया है। पेश है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
सुनिए सच: 1 से 30 जून तक रहेगा लॉकडाउन 5.0, गाइडलाइंस जारी।मोदी ने लिखी देश के नाम चिट्ठी, कांग्रेस बोली ‘बेरहम’ सरकार’।18 दिनों में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 80 मज़दूरों की जान गई। Satya Hindi
ट्रम्प ने मोदी पर बोला झूठ, चीन ने मध्यस्थता का प्रस्ताव ठुकराया।भारत में कोरोना की रफ़्तार तेज़ हुई, विश्व में नौवें नंबर पर पहुंचा।कड़ी टिप्पणी करने वाले जज को बदला, अदालत को साधने का मॉडल।Satya Hindi
भारत-चीन के बीच लद्दाख में पैदा हुआ टकराव सीमा विवाद की वज़ह से तो है मगर इसके गरमाने का कारण अंतरराष्ट्रीय राजनीति भी है। अमेरिका चीन की घेरेबंदी में लगा हुआ है और चीन उस घेरेबंदी को तोड़ने के लिए इस झगड़े को सुलगा रहा है। लेकिन जानकारों को ये भी लग रहा है कि कहीं भारत चीन के ख़िलाफ़ अमेरिका का मोहरा तो नहीं बन रहा? पेश है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
सरकार की आलोचना से चिढ़े मेहता हाईकोर्ट और आलोचकों पर बरसे।कोर्ट ने पुलिस को फटकारा- कहा दिल्ली दंगे की जाँच एकतरफ़ा।हिमाचल के बीजेपी अध्यक्ष पर पीपीई खरीदी में रिश्वत लेने का आरोप। Satya Hindi
बड़े वकीलों की तीखी चिट्ठी के बाद SC ने ली मज़दूरों की सुध।भारत-चीन सीमा पर तनातनी, दोनों देशों में तैयारियाँ तेज़।मतभेद की अटकलों के बीच मिले कांग्रेस, शिवसेना और NCP के नेता। Satya Hindi
मोदी सरकार आगामी 30 मई को अपने दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा करने जा रही है। बीजेपी इसका जश्न मनाने की ज़ोर-शोर से तैयारी भी कर रही है, मगर क्या सरकार ने कुछ ऐसा किया है जिसे वह गर्व और आत्मविश्वास के साथ उपलब्धियों के तौर पर पेश कर सके? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार बता रहे हैं कि सामाजिक, आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन के लिहाज़ से कैसा रहा मोदी सरकार का एक साल।
मायावती एक बार फिर से कांग्रेस पर तीखे हमले कर रही हैं। अंदाज़ से लग रहा है कि या तो वे काँग्रेस की सक्रियता से घबराई हुई हैं या फिर बीजेपी की शरण में जाने की तैयारी कर रही हैं। पेश है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की विशेष रिपोर्ट।
महाराष्ट्र सरकार गिराने में जुटी बीजेपी, उद्धव ने कहा सब ठीक। राहुल का सरकार पर हमला, लॉकडाउन फ़ेल, प्लान बी बताएं मोदी। दो के बजाय 9 दिन में पहुंच रहीं ट्रेनें, भूख के कारण कई की मौत। Satya Hindi
महिला कार्यकर्ताओं के पीछे दिल्ली पुलिस, ज़मानत मिली पर फिर धरा।अधिकारियों से बोलीं केंद्रीय मंत्री रेणुका, बेल्ट से ठोंकना जानती हूँ।रामदेव का गोरखधंधा, संक्रमितों पर काढ़ा का ट्रायल चाहती थी पतंजलि। Satya Hindi
पिछले तीन-चार महीनों से दिल्ली पुलिस सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ आंदोलन करने वालों के ख़िलाफ़ अभियान चला रही है। इसके तहत उसने बहुत से मुस्लिम छात्र-छात्राओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार करके जेल में डाल दिया है। दिल्ली पुलिस के इन अत्याचारों का देश ही नहीं दुनिया भर में विरोध हो रहा है, मगर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनकी पार्टी कुछ नहीं बोल रही। क्या केजरीवाल डर गए हैं, क्या उन्होंने केंद्र सरकार से डील कर ली है या फिर उन्हें चुप रहना ही था क्योंकि वे थे ही बीजेपी की बी टीम?