मुद्दे जो तय करेंगे मोदी की क़िस्मत। जुड़िए वरिष्ठ पत्रकार शैलेश के साथ।
प्रधानमंत्री मोदी अक्सर ऐसी बातें कह जाते हैं जिससे सोशल मीडिया पर उनका मज़ाक उड़ाया जाता है। आइए, हम आपको ऐसी कुछ मिसालें देते हैं जहाँ मोदी ने इस तरह की ग़लत बातें कहीं और उन पर तंज कसे गए।
क्या नरेंद्र मोदी यह चुनाव हार रहे हैं और क्या उनकी सरकार जा रही है? इस मुद्दे पर फ़ेसबुक परिचर्चा सुनिए वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और विवेक अग्निहोत्री के साथ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उन्होंने 1988 में डिजिटल कैमरे से तसवीर खींची थी और उसे दिल्ली ई-मेल किया था। उनके इस बयान पर लोगों नें उन्हें जमकर ट्रोल किया।
लोकसभा चुनाव के छह चरण पूरे हो गये, लेकिन क्या मोदी जी फिर बनेंगे प्रधानमंत्री? देखिये वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।
प्रधानमंत्री ने बालाकोट हमले पर जो कुछ कहा, उस वजह से उन पर तंज कसे जा रहे हैं क्योंकि वह बिल्कुल अवैज्ञानिक बात है। पर मोदी ऐसा पहले भी कर चुके हैं।
पाँच चरण का मतदान पूरा हो चुका है और अब दो चरण बाक़ी है। क्या मोदी फिर बनेंगे प्रधानमंत्री? देखिये वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ, रवि आंबेकर और आशुतोष की चर्चा।
क्या नर्वस हैं नरेंद्र मोदी? क्यों ले रहे हैं गालियों का सहारा? देखिये वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।
बोफ़ोर्स पर राजीव गाँधी दागदार तो रफ़ाल पर नरेंद्र मोदी बेदाग कैसे? देखिये वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष की राय।
चुनाव आयोग अब तक कई मामलों में नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे चुका है और इससे आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ममता, नवीन पटनायक पर ही नरम नहीं पड़े हैं, शरद पवार की बेटी के चुनाव क्षेत्र में भी जाने से वह बचे हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का राहुल गाँधी और उनकी बहन प्रियंका गाँधी वाड्रा ने जोरदार जवाब दिया है।
इस बार प्रधानमंत्री मोदी का आत्मविश्वास डिगा हुआ है और वह ऐसी भाषा बोल रहे हैं जो विश्वास की भाषा नहीं है। यह भाषा निराशा की भाषा है। एक हताश नेता की भाषा है।
चार चरणों की वोटिंग हो गयी। अब पाँचवाँ, छठा और सातवाँ चरण तय करेगा कि मोदी दुबारा प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं। देखिये वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।
तेज बहादुर यादव ने आरोप लगाया है कि चुनाव से नामाँकन वापस लेने के लिए उन्हें 50 करोड़ का लालच दिया गया था। क्या है पूरा मामला, देखिये वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।
होशंगाबाद के इटारसी में बुधवार को जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मैथिलीशरण गुप्त के जन्म स्थान को लेकर एक ग़लती कर दी।
प्रधानमंत्री मोदी 'वंदे मातरम' के नारे लगाते रहे लेकिन नीतीश कुमार बगल में ही चुप बैठे रहे। सभी लोग खड़े भी हो गये तब काफ़ी असहज दिख रहे नीतीश भी आख़िर में खड़े हुए, लेकिन तब भी वह जयकारे लगाते नहीं दिखे।
पश्चिम बंगाल में इस बार संसदीय चुनाव का अब तक का सबसे जबरदस्त मुक़ाबला चल रहा है। टीएमसी और बीजेपी के बीच नोकझोंक से लगता है कि लड़ाई प्रधानमंत्री मोदी और ममता बनर्जी के बीच हो।
क्या यूपी फिर बनाएगा मोदी को प्रधानमंत्री? देखिये वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, आशुतोष और शीतल पी. सिंह की चर्चा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आपको अति पिछड़ा घोषित करके एक नया राजनीतिक दाँव खेला है। 2014 के चुनावों से पहले उन्होंने ख़ुद को नीची जाति का घोषित कर दिया था। ऐसा क्यों?
क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हार के डर से खेल रहे हैं जाति का कार्ड? देखिये वरिष्ठ पत्रकार शैलेश का विश्लेषण।
चुनाव आचार संहिता के ‘उल्लंघन’ के मामले में क्या अब प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी? इसकी संभावना इसलिए बनती है कि यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया है।
तीन चरण के मतदान हो गये हैं। मोदी ने पहले बालाकोट के बहाने ‘राष्ट्रवाद’ और फिर साध्वी प्रज्ञा के बहाने ‘हिंदू आतंकवाद बनाम मुसलिम आतंकवाद’ का नैरेटिव बनाने की कोशिश की। ये नहीं चले तो मोदी अब हिंदुत्व के एजेंडे पर आ गये हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया। वाराणसी में अपना नामांकन पत्र भरने से एक दिन पहले गुरुवार को उन्होंने एक मेगा रोडशो किया था।
कांग्रेस ने प्रियंका को वाराणसी में क्यों नहीं उतारा मोदी के ख़िलाफ़? क्या नरेंद्र मोदी से डर गईं प्रियंका गाँधी? देखिए क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार शैलेश।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की डूबती नाव को बचाने मैदान में उतरी प्रियंका गाँधी कम से कम बनारस में मोदी से दो-दो हाथ नहीं करेंगी। अगले दो-तीन दिनों में पार्टी इसका एलान भी कर देगी। तो क्या कांग्रेस डर गई?