loader

काशी विश्वनाथ में पुजारियों के वेश में पुलिस, अखिलेश ने की आलोचना

अखिलेश यादव ने काशी मंदिर में पुजारी की पोशाक में पुलिस लगाए जाने के निर्देश की आलोचना की है। प्रशासन ने एक आदेश निकालकर वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में तैनात पुलिसकर्मियों को पुजारियों की पोशाक पहनने का निर्देश दिया है। 

इस निर्देश की पालना में अब मंदिर में महिला और पुरुष पुलिसकर्मी पुजारी की वेशभूषा में तैनात किए गए हैं। मंदिर में पुरुष पुलिसकर्मियों को धोती-कुर्ता में और मस्तक पर त्रिपुंड लगाए हुए देखा गया। इसके साथ ही वे गले में रुद्राक्ष की माला धारण किए हुए हैं। महिला पुलिसकर्मी सलवार कुर्ता पहने हुए हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उस आदेश की निंदा की जिसमें पुलिसकर्मियों को पुजारी की वेशभूषा में तैनात करने का निर्देश दिया गया है। 

akhilesh yadav condemns cops to wear priests attire order in kashi vishwanath temple - Satya Hindi

अखिलेश ने कहा, "पुजारी के वेश में पुलिसकर्मियों का होना किस ‘पुलिस मैन्युअल’ के हिसाब से सही है? इस तरह का आदेश देनेवालों को निलंबित किया जाए। कल को इसका लाभ उठाकर कोई भी ठग भोली-भाली जनता को लूटेगा तो उत्तर प्रदेश शासन-प्रशासन क्या जवाब देगा। निंदनीय!"

अखिलेश यादव ने अपने हैंडल पर एक समाचार रिपोर्ट का 35 सेकंड का वीडियो भी पोस्ट किया जिसमें पुलिसकर्मियों को पुजारी की पोशाक पहने दिखाया गया है। वीडियो में जहाँ पुरुष पुलिसकर्मी धोती-कुर्ता पहने नजर आ रहे हैं, वहीं महिला पुलिसकर्मी सलवार कुर्ता पहने नजर आ रही हैं।

ताज़ा ख़बरें

रिपोर्ट के अनुसार वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के आदेश पर मंदिर में पुजारी की पोशाक में पुरुष और महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। कमिश्नर अग्रवाल ने पत्रकारों से कहा था कि दूर-दराज से दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु पुजारियों का आदर करते हैं और पुलिसकर्मियों द्वारा आगे बढ़ाये जाने पर अक्सर उन्हें चोट लग जाती है।

एबीपी की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस कमिश्नर अग्रवाल ने कहा, "मंदिर में ड्यूटी अन्य जगहों से अलग है क्योंकि पुलिस को यहां विभिन्न प्रकार की भीड़ का प्रबंधन करना पड़ता है। यहां भीड़ कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा करने के लिए नहीं है। पुलिस यहां लोगों को आसान दर्शन सुनिश्चित करने और उनकी सहायता और मार्गदर्शन करने के लिए है।"

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें

उन्होंने कहा, "पुलिसकर्मियों द्वारा धक्का दिए जाने पर भक्तों को चोट लगती है, अगर यही बात पुजारी करते हैं तो वे इसे सकारात्मक तरीके से लेते हैं। नो टच पॉलिसी का पालन करते हुए पुजारियों की पोशाक में पुलिसकर्मियों को तैनात किया जा रहा है।"

बता दें कि पिछले काफी समय से काशी विश्वनाथ धाम में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की ख़बर आ रही थी और उनसे बदसलूकी की भी शिकायतें आ रही थीं। इसके बाद मंदिर प्रशासन और पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने मंगलवार को निरीक्षण कर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी सनातनी वेशभूषा में लगाने के निर्देश दिए थे। इन पुलिसकर्मियों को विनम्र होने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। ट्रेनिंग में पुलिसकर्मियों को मृदु भाषी होने के साथ-साथ अन्य प्रादेशिक भाषाओं का भी थोड़ा-थोड़ा ज्ञान दिया जाएगा ताकि वे श्रद्धालुओं को समझ और समझा सकें।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें