न्यायपालिका के इतिहास में एक अजीबोग़रीब मामला सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज पर यह आरोप लगा है कि वे सुप्रीम कोर्ट के इशारे पर एक बहाने से इलाहाबाद हाई कोर्ट के जजों के बारे गोपनीय जानकारी हासिल करने के लिये इलाहाबाद आ रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि ये आरोप इलाहाबाद हाई कोर्ट के बार एसोसिएशन ने लगाया है और एक प्रस्ताव पारित कर जज का न केवल विरोध किया है, बल्कि उन पर गंभीर आरोप भी लगाये हैं।
रिटायर्ड जज पर जाँच के बहाने जजों की जानकारी लेने का आरोप
- उत्तर प्रदेश
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- 11 Jan, 2021
सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज पर यह आरोप लगा है कि वे सुप्रीम कोर्ट के इशारे पर एक बहाने से इलाहाबाद हाई कोर्ट के जजों के बारे गोपनीय जानकारी हासिल करने के लिये इलाहाबाद आ रहे हैं।

असंवैधानिक?
इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस बी. एस. चौहान विकास दुबे मुठभेड़ की जाँच के बहाने जजों के बारे में जानकारियाँ लेने के लिए जा रहे हैं। एसोसिएशन ने इसे 'न्यायापालिका विरोधी' और असंवैधानिक बताया है। बार एसोसिएशन की 8 जनवरी की इस बैठक में जस्टिस चौहान की इलाहाबाद यात्रा का विरोध करने का निर्णय लिया गया।