सर्जिकल स्ट्राइक के बाद की परिस्थितियों ने कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में रणनीति बदलने को मजबूर कर दिया है। कांग्रेस बीजेपी विरोधी मतों का बँटवारा रोकेगी और सपा-बसपा गठबंधन के रास्ते में रोड़े नहीं अटकाएगी।
कांग्रेस के महागठबंधन में आठ से नौ सीटें देने पर बात शुरू हुई पर कांग्रेस इसकी दोगुनी से कम सीटों पर तैयार नहीं। इधर कांग्रेस ने अन्य दलों के कई नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ाने के वादे के साथ शामिल भी कराया है। उसके चलते भी यह संभव नहीं हो पा रहा है।
अखिलेश का कहना है शिवपाल बीजेपी के इशारे पर यादव बेल्ट में सपा को कमज़ोर करने के लिए प्रत्याशी उतारना चाहते हैं। कांग्रेस का साथ मिल जाने के बाद वह गठबंधन को नुक़सान और बीजेपी को फ़ायदा पहुँचाएँगे।