लखनऊ में सुब्रत रॉय के आलीशान सहारा शहर को सोमवार को लखनऊ नगर निगम (एलएमसी) ने सील कर लिया और पूरा कब्जा हासिल कर लिया। सुब्रत रॉय का निधन हो चुका है। 170 एकड़ का यह विशाल परिसर, जो कभी बॉलीवुड सितारों, राजनेताओं और क्रिकेटरों का पंसदीदा ठिकाना था, अब नगर निगम के अधीन है। इस कार्रवाई से सहारा इंडिया परिवार के सुनहरे दिनों का एक महत्वपूर्ण अध्याय समाप्त हो गया। नोएडा में भी सुमित रॉय का दफ्तर सील कर दिया गया है। सुमित रॉय सहारा इंडिया चिटफंड और सहारा टीवी के सीईओ हैं। सहारा चिटफंड पर निवेशकों करोड़ों बकाया हैं। कंपनी पर ढेरों मुकदमे हैं। सुब्रत रॉय का पूरा परिवार विदेश में है।
परिसर के सभी छह द्वारों को सील कर दिया गया, जिसमें सुब्रत रॉय का शाही निवास, लग्जरी गेस्टहाउस, हेलीपैड, पेट्रोल पंप, थिएटर और सभागार शामिल हैं। कार्रवाई पुलिस और पीएसी के सहयोग से शांतिपूर्ण तरीके से की गई। परिसर के अंदर और बाहर नोटिस बोर्ड लगाए गए हैं, जो एलएमसी के कब्जे को दर्शाते हैं। यहां रहने वाले सहारा इंडिया के कर्मचारियों को व्यक्तिगत सामान निकालने की अनुमति दी गई, उसके बाद उन्हें खाली कर दिया गया। इससे पहले 27 और 28 सितंबर को एलएमसी की संपत्ति विभाग की टीम ने प्रतीकात्मक कब्जा लिया था।
यह परिसर गोमती नगर के विपुल खंड क्षेत्र में स्थित है। 1995 में मुलायम सिंह यादव सरकार द्वारा सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को 30 वर्ष की लीज पर दिया गया यह भूखंड अब लीज की अवधि समाप्त होने के बाद वापस सरकार के पास आ गया है। एलएमसी का कहना है कि लीज समझौते की शर्तों का उल्लंघन हुआ था, जिस पर कई शिकायतें मिली थीं। एक समिति ने दस्तावेजों और अदालती मामलों की समीक्षा की, जिसके आधार पर यह कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की गई। नगर आयुक्त गौरव कुमार के निर्देश पर जोनल अधिकारी संजय यादव, संपत्ति प्रभारी रामेश्वर प्रसाद और एमसी तहसीलदार ने यह अभियान चलाया।
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सहारा शहर का इतिहास भारत के कॉर्पोरेट जगत का एक चमकदार अध्याय रहा है। यह परिसर कभी भारत के एलीट क्लब की तरह था, जहां फिल्मी सितारे, खिलाड़ी, उद्योगपति और राजनेता आते थे। लखनऊवासियों के लिए यह एक रहस्यमय जगह थी, जहां सिर्फ ऊंचे द्वारों और भारत माता की प्रतिमा के साथ 'सहारा इंडिया परिवार' का साइनबोर्ड ही दिखाई देता था। यहां भव्य कार्यक्रम आयोजित होते थे, जहां मेहमानों को बैटरी से चलने वाली गाड़ियों में घुमाया जाता था। 2004 में सुब्रत रॉय के बेटों सुशांतो और सीमांतो की शादी समारोह यहां हुआ था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुलायम सिंह यादव, अभिनेता अमिताभ बच्चन और क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज शामिल हुए थे। कथित तौर पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भी रॉय से यहां मिलने आए थे।
हालांकि, 2014 में सेबी के कार्रवाई के बाद सुब्रत रॉय की गिरफ्तारी ने सहारा साम्राज्य को हिला दिया। निवेशकों का पैसा लौटाने में नाकामी के कारण कंपनी पर मुकदमे चले। सुब्रत रॉय का निधन 14 नवंबर 2023 को हुआ था। हाल ही में सहारा इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में संपत्तियां बेचने की अनुमति मांगी थी, जिसमें सहारा शहर भी शामिल था, लेकिन एलएमसी ने दखल देकर लीज की प्रकृति का हवाला देते हुए कब्जा कर लिया।
जोनल अधिकारी संजय यादव ने कहा, "केवल सहारा इंडिया के कर्मचारी ही यहां रहते थे। सभी ने खाली कर दिया है और अब कोई नहीं बचा।" एलएमसी ने बयान जारी कर कहा, "पूरे 170 एकड़ की संपत्ति अब नगर निगम के पूर्ण कब्जे में है।" हालांकि, कार्रवाई के दौरान कुछ निवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया।
यह कदम सहारा इंडिया की वित्तीय और कानूनी चुनौतियों को और गहरा सकता है। एलएमसी अब इस संपत्ति का भविष्य उपयोग तय करेगी, जो लखनऊ के शहरी परिदृश्य को नया रूप दे सकता है। सहारा शहर का यह अंत एक युग का अंत ही नहीं, बल्कि कॉर्पोरेट महत्वाकांक्षाओं की सच्चाई को भी उजागर करता है।