भाजपा ने यूपी की 51 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। सपा ने अभी तक 27 सीटों का ऐलान किया है। लेकिन हर किसी की नजर कांग्रेस की सूची और खासकर रायबरेली और अमेठी के प्रत्याशियों पर है। भाजपा ने अमेठी से स्मृति ईरानी को टिकट दे दिया है लेकिन रायबरेली पर उसने चुप्पी साध रखी है। रायबरेली से इंदिरा गांधी के बाद सोनिया गांधी चुनाव लड़ती रही हैं। लेकिन अब वो राज्यसभा में चली गई हैं। ऐसे में तमाम अटकलें दोनों सीटों को लेकर लगाई जा रही हैं। लेकिन इसी बीच रायबरेली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पोस्टर लगाकर प्रियंका से चुनाव लड़ने का आग्रह कर दिया है। कुछ दिनों पहले ऐसा ही प्रयागराज (इलाहाबाद) में हो चुका है।
प्रयागराज से भी प्रियंका को लड़ाने की मांग की जा रही है
हाल ही में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने ऐसे ही पोस्टर प्रयागराज में लगाए थे। इसमें भी प्रियंका गांधी से वहां से चुनाव लड़ने की मांग की गई थी। प्रयागराज के पोस्टरों और होर्डिंग में प्रियंका के साथ-साथ राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के फोटो भी हैं। इनके अलावा कांग्रेस और सपा के अन्य नेताओं के फोटो भी हैं। दरअसल, प्रियंका इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों के मुद्दों को लेकर मुखर रही हैं और हर बार उनका समर्थन किया है। इस जह से युवक उनके समर्थन में उतरे हुए हैं।
भाजपा की रणनीति क्या है
भाजपा ने रायबरेली से अभी रणनीति के तहत प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। अगर प्रियंका गांधी रायबरेली से आती हैं तो उसके बाद ही भाजपा किसी मजबूत प्रत्याशी को उतारना चाहती है। सपा में बगावत करने वाले मनोज यादव भी यहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन अभी तक वो न तो आधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल हुए हैं और न टिकट का दावा किया है। अलबत्ता सपा में रहते हुए उन्होंने और कुछ अन्य विधायकों ने भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी को वोट दिया। इससे भाजपा यूपी में एक और सीट हासिल कर पाई। सपा ने अभी तक इन बागी विधायकों को पार्टी से निकाला नहीं है। इस तरह रायबरेली का मामला फंसा हुआ है। मनोज पांडे फिलहाल इसी जिले में ऊंचाहार से विधायक हैं। उन्होंने प्रियंका के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी है।
रायबरेली से भाजपा की सूची में मनोज पांडे के अलावा नूपुर शर्मा और कवि कुमार विश्वास के नाम भी हैं। कुमार विश्वास लंबे समय से टिकट के लिए भाजपा का दरवाजा खटखटा रहे हैं। पैगंबर पर टिप्पणी विवाद के बाद भाजपा की नूपुर शर्मा भी अंडरग्राउंड हो गई थीं। अभी उन्हें दिल्ली पुलिस की चाकचौबंद सुरक्षा मिली हुई है। उनका नाम भी टिकटार्थियों की सूची में है। भाजपा की ओर से जो भी नाम आएगा, उसकी कोशिश होगी कि वो प्रियंका के मुकाबले मजबूत और पहले से लोकप्रिय प्रत्याशी मैदान में उतारे।
भाजपा ने अमेठी से स्मृति ईरानी को टिकट दे दिया है और स्मृति ने हाल ही में वहां गृह प्रवेश भी किया है। इतना ही नहीं स्मृति ने राहुल गांधी को वहां से चुनाव लड़ने की चुनौती भी दे दी है। राहुल अभी वायनाड (केरल) से सांसद हैं। लेकिन वहां की स्थिति बदल चुकी है। वहां से कम्युनिस्ट पार्टी ने उम्मीदवार घोषित कर दिया है। सीपीएम ने राहुल से आग्रह किया है कि वो वायनाड की बजाय यूपी या उत्तर भारत से चुनाव लड़ें। अब सभी की नजरें राहुल के फैसले पर हैं। यूपी के कांग्रेसी चाहते हैं कि राहुल अमेठी से ही चुनाव लड़ें तो पार्टी को मजबूती मिलेगी। अगर वो चुनाव हार भी जाते हैं तो इससे क्या फर्क पड़ने वाला है। पार्टी को यूपी में खड़ा किया जाना ज्यादा जरूरी है।