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आनंद विहार बस अड्डे पर हज़ारों की भीड़, अफरातफरी

देशव्यापी लॉकडाउन में दिल्ली के नज़दीक आनंद विहार बस अड्डे पर ज़बरदस्त अफरातफरी और अव्यवस्था का माहौल है। फंसे लोगों को निकालने के लिए बस चलाने के उत्तर प्रदेश सरकार के फ़ैसले के बाद बड़ी तादाद में लोग बस अड्डे पर पहुँच चुके हैं। 
बस अड्डे पर मौजूद लोगों की तादाद हज़ारों में है। उत्तर प्रदेश और बिहार की अलग-अलग जगहों को जाने की उम्मीद में ये प्रवासी मजदूर किसी तरह बस पकड़ने की जद्दोजहद में हैं। 
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हज़ारों की भीड़

इस भीड़ में स्त्रियाँ, बच्चे, बुजुर्ग सभी उम्र के लोग हैं, सबकी इच्छा बस किसी तरह बस में घुस जाने की है। लेकिन बसों की संख्या इतनी नहीं है, हो ही नहीं सकती है कि सारे लोगों को उनके गंतव्य तक पहुँचाया जा सके। 
इन लोगों ने मास्क नहीं लगाया है। हज़ारों की भीड़ में सोशल डिस्टैसिंग की बात बेमानी है। बड़ी तादाद में पुलिस वाले तैनात हैं, पर वे भी असहाय हैं। वे न तो इस भीड़ को नियंत्रित कर सकते हैं न ही उन्हें रोक सकते हैं।

कितनी बसें चाहिए?

उत्तर प्रदेश सरकार ने 1,000 बसें चलाने का एलान किया है, दिल्ली सरकार भी 100 बसें चलाने को तैयार है। आनंद विहार बस अड्डे के पास ही रेलवे स्टेशन भी है, पर सरकार ने लॉकडाउन के तहत सारी ट्रेनें रद्द कर दी हैं, कोई ट्रेन नहीं चल रही है। 
आनंद विहार फ्लाइ ओवर के ऊपर भी लोग मौजूद हैं, सड़क के दोनों ओर भारी भड़ी है, पूरी सड़क खचाखच भरी हुई है। समझा जाता है कि यह भीड़ हज़ारों की है।

कहाँ है केंद्र सरकार?

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को नेशनल हाइवे अथॉरिटी और टोल प्लाज़ा वालों से कहा कि वह बीच रास्ते में फंसे हुए लोगों के ठहरने और खाने-पीने का इंतजाम करे। पर कम से कम आनंद विहार में इसका कोई लक्षण नहीं दिख रहा है।
इसी तरह गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि वे लॉकडाउन में फंसे लोगों, खास कर मजदूरों के प्रति जवाबदेह हैं और सबका पूरा ख्याल रखा जाएगा। पर केंद्र सरकार का कोई प्रतिनिधि आनंद विहार बस अड्डे के आसपास भी नहीं दिख रहा है। 
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सिर्फ़ हाथ में लाठी संभाले और माइक पर बीच बीच में एलान करते हुए पुलिस वाले हैं। बस अड्डे पर परिवहन विभाग के कुछ कर्मचारी भी हैं। पर किसी के पास इसका कोई जवाब नहीं है कि हज़ारों के इस हुजूम के साथ क्या किया जाए। 
इस अफरातफरी के कुछ घंटे पहले ही केंद्र सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि बग़ैर किसी पूर्व तैयारी के ही यकायक लॉकडाउन का एलान कर दिया गया, जिससे पूरे देश में अफ़रातफरी मच गई और लोगों को ज़बरदस्त दिक्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने कहा है कि कोरोना से मुक़ाबले के  लिए 'सोच समझ कर योजनाबद्ध तरीके' से काम किया गया है। 
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क़मर वहीद नक़वी
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