क्या विपक्ष को संसद में भी बोलने नहीं दिया जायेगा ? क्यों चार विपक्षी सांसदों को सस्पेंड किया गया ? क्या लोकतंत्र के लिये से खतरनाक संकेत हैं ? आशुतोष के साथ चर्चा में राकेश सिन्हा, गौतम लाहिड़ी, विजय त्रिवेदी, पंकज श्रीवास्तव और करण वर्मा ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।