पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के ख़िलाफ़ यौन शोषण का मामला अब राष्ट्रव्यापी होता जा रहा है। राज्यपाल बोस के विरुद्ध राजभवन में संविदा पर कार्यरत एक महिला कर्मचारी ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। आरोप यह भी है कि राजभवन के OSD-2 (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) ने इस महिला कर्मचारी पर राज्यपाल के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दर्ज न करने का दबाव भी बनाया था। जब इस OSD के खिलाफ FIR दर्ज की गई तो कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अधिकारी के खिलाफ किसी भी कार्यवाही पर रोक लगा दी। अब यह मामला भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पहुँच गया है। 19 जुलाई, शुक्रवार को भारत के मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई करने का निर्णय लिया। CJI ने कहा कि एक संवैधानिक पीठ राज्यपाल को संरक्षण देने वाले अनुच्छेद-362(2) की सीमाओं का परीक्षण करेगी।