काँग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने लेख ‘द 3C’s दैट हौंट इंडियन एजुकेशन टुडे’ के माध्यम से वर्तमान भारत में शिक्षा व्यवस्था की कमियों को सामने रखा है। द हिंदू में लिखे अपने लेख में श्रीमती गांधी तीन समस्याओं का ज़िक्र करती हैं जिन्हें, नीतिगत रूप से सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था पर ज़बरदस्ती थोपा गया है। उनका मानना है कि मोदी सरकार नई शिक्षा नीति-2020(NEP) के माध्यम से शिक्षा का व्यवसायीकरण, सांप्रदायीकरण और केन्द्रीकरण करने में लगी है। कभी प्रधानमंत्री जैसे पद का त्याग करने वाली, विपक्ष की नेता और राज्यसभा की वरिष्ठ सांसद के रूप में जब श्रीमती सोनिया गांधी ऐसे आरोप सरकार पर लगाती हैं तो इसकी पड़ताल बेहद जरूरी हो जाती है।
शिक्षा को हिन्दुत्व का प्रोपेगेंडा और मुनाफ़ाखोरी की मशीन बनाने से रोकें
- विमर्श
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- 7 Apr, 2025

स्कूल को धार्मिक प्रचार का जरिया बनाया जा रहा है।
मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति (एनईपी) पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने एक लेख में कई तथ्य उजागर किए हैं। जागरूक नागरिकों को उन बातों पर मनन करना चाहिए। ताकि आने वाली पीढ़ी आपको जिम्मेदार न ठहरा सके कि आपने शिक्षा को धार्मिक प्रोपेगेंडा मशीन, धन मशीन बनाने की मुहिम का विरोध नहीं किया। स्तंभकार और वरिष्ठ पत्रकार वंदिता मिश्रा की महत्वपूर्ण टिप्पणीः