सुप्रीम कोर्ट ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के खिलाफ हरियाणा में दर्ज दो एफआईआर पर सोमवार को आदेश जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने एक एफआईआर रद्द कर दी और दूसरी एफआईआर में चार्जशीट पेश करने और मैजिस्ट्रेट की कार्यवाही पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने जिस एफआईआर को रद्द किया है, उसमें पुलिस ने क्लोज़र रिपोर्ट दी थी।


दूसरी FIR में, हरियाणा पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 के तहत आरोप लगाए हैं, जो देश की संप्रभुता के खिलाफ अपराध से संबंधित है। प्रोफेसर के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान इसे "बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण" बताते हुए कहा कि सोशल मीडिया टिप्पणियों के लिए ऐसी गंभीर धारा का इस्तेमाल किया गया।