चुनाव आयोग बिहार में जिस एसआईआर को लेकर चौतरफ़ा घिरा है और जिसकी जमकर आलोचना हो रही है, उसको अब पश्चिम बंगाल में लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। चुनाव आयोग यानी ईसीआई ने पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को इस प्रक्रिया को तेजी से और पारदर्शी ढंग से पूरा करने के लिए कमर कसने का निर्देश दिया है। बंगाल में यह क़दम बिहार में SIR के दौरान हुई कथित गड़बड़ियों और बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटाए जाने की शिकायतों के बाद उठाया गया है। बिहार में आई कथित गड़बड़ियों ने देश भर में मतदाता अधिकारों और चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं।
बिहार में बवाल थमा नहीं और ECI की बंगाल में SIR की तैयारी शुरू, अफसरों को निर्देश
- पश्चिम बंगाल
- |
- 28 Aug, 2025
चुनाव आयोग ने अब पश्चिम बंगाल में SIR लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। अफसरों को इसके लिए विशेष निर्देश जारी किए गए। क्या ममता भी राहुल-तेजस्वी की तरह मोर्चा खोलेंगी?

बिहार में SIR पर विवाद क्या?
बिहार में 24 जून 2025 को शुरू हुई SIR प्रक्रिया ने बड़े विवाद को जन्म दिया है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना, दोहरे नामों को हटाना, मृतकों के नाम हटाना और गैर-पात्र मतदाताओं को सूची से बाहर करना बताया गया। हालाँकि, कांग्रेस और आरजेडी जैसे विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर मतदाताओं, खासकर अल्पसंख्यक, दलित, और प्रवासी मजदूरों के नाम हटाए गए। इससे लाखों लोगों का मताधिकार खतरे में पड़ गया। सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त 2025 को अपने एक अंतरिम आदेश में ईसीआई को निर्देश दिया कि वह 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची से हटाए गए लगभग 65 लाख मतदाताओं की सूची और उनके हटाए जाने के कारणों को सार्वजनिक करे।