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यूएई में हैं अशरफ़ ग़नी, मुल्क़ वापस लौटने की इच्छा जताई 

अफ़ग़ानिस्तान में बदले हालात के बीच मुल्क़ छोड़ने वाले पूर्व राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी सामने आए हैं। उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर अपनी चुप्पी तोड़ी है और मुल्क़ को छोड़ने की वजह भी बताई है। बुधवार रात को यूएई ने जब इस बात की पुष्टि की कि ग़नी और उनका परिवार उनके मुल्क़ में है, उसके बाद ग़नी ने वीडियो संदेश जारी किया। यूएई ने कहा है कि ग़नी और उनके परिवार को मानवीय आधार पर यहां आने की इजाजत दी गई है। 

गनी ने कहा है कि अगर वे मुल्क़ नहीं छोड़ते तो हालात बदतर हो सकते थे और उनका निर्वासित रहने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि वह घर वापसी के लिए लगातार बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे अभी वहां से बाहर हैं इस वजह से ख़ूनख़राबा और अफ़रा-तफरी का माहौल रुका हुआ है। 

‘पैसे ले जाने की बात झूठी’

पूर्व राष्ट्रपति ने इस बात से भी इनकार किया कि मुल्क़ को छोड़ने से पहले वे अपने साथ बहुत सारा पैसा ले गए। उन्होंने कहा कि इस बात की यूएई के अफ़सरों से तसदीक की जा सकती है। ग़नी ने कहा कि यहां तक कि उनके पास अपने जूते बदलने का भी वक़्त नहीं था। 

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ग़नी ने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के बड़े नेताओं और पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई और अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह के बीच हुई बातचीत का समर्थन किया। उन्होंने तालिबान के ख़िलाफ़ जंग लड़ने के लिए अफ़ग़ान के सुरक्षा बलों का शुक्रिया अदा किया। 

उन्होंने कहा कि तालिबान और अफ़ग़ान सरकार की बातचीत से कोई नतीजा नहीं निकला और यह उनकी विफलता है। 

तालिबान के विरोध में प्रदर्शन

उधर, तालिबान के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहे हैं। बुधवार को जलालाबाद में हुए प्रदर्शन में 3 लोगों की मौत हो गई थी। यह झड़प तब हुई जब स्थानीय लोग जलालाबाद शहर में अपना राष्ट्रीय झंडा लगा रहे थे। तालिबानी आतंकवादियों की फ़ायरिंग में कई लोग घायल भी हो गए। कुछ महिलाओं ने भी तालिबान के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया है। 

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इससे पहले तालिबान ने कहा था कि वह किसी से बदला नहीं लेगा, महिलाओं के काम करने पर भी कोई पाबंदी नहीं है लेकिन उन्हें इसलामिक नियमों को मानना होगा। 

मुल्क़ के अंदर नई सरकार बनाने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं। अफ़ग़ान टेलीविज़न चैनल 'टोलो न्यूज़' के अनुसार, तालिबान के हुसैन हक्क़ानी व कुछ अन्य लोगों ने बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई से उनके घर पर मुलाक़ात की। तालिबान के सैन्य दस्ते के प्रमुख मौलाना अब्दुल ग़नी बरादर अफ़ग़ानिस्तान के अगले राष्ट्रपति हो सकते हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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