रूस में कोरोना की चौथी लहर तबाही मचा रही है। हर रोज़ रिकॉर्ड 40 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले आ रहे हैं। हर रोज़ रिकॉर्ड 1100 से ज़्यादा मौतें हो रही हैं। सरकार ने 30 अक्टूबर से 7 नवंबर के बीच छुट्टियों का आदेश दिया है और मॉस्को में 11 दिनों के लिए अर्ध-लॉकडाउन की स्थिति है। दुकानें, स्कूल और रेस्तरां बंद हैं। ये उस रूस के हालात हैं जहाँ पहले तीन लहरें आ चुकी हैं और जहाँ वैक्सीन के योग्य क़रीब 32 फ़ीसदी आबादी को पूरी तरह टीका लगाया जा चुका है। इस मामले में भारत में भी हालात ऐसे ही हैं। भारत में कोरोना की दो लहरें आ चुकी हैं और क़रीब 31 फ़ीसदी आबादी को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं। इसका मतलब है कि रूस की तरह भारत की भी क़रीब 69 फ़ीसदी वयस्क आबादी पर कोरोना का ख़तरा हो सकता है। तो क्या रूस की तरह स्थिति आने से बचने के लिए भारत को सजग नहीं होना चाहिए?