टाइम्स ऑफ इसराइल के मुताबिक ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों के बाद इसराइल के बेन गुरियन हवाई अड्डे सहित कई स्थलों को निशाना बनाया। फ़ार्स समाचार एजेंसी द्वारा कोट किए गए और टाइम्स ऑफ इसराइल द्वारा कोट किए बयान में सशस्त्र बलों ने कहा, "ऑपरेशन ऑनेस्ट प्रॉमिस 3 की बीसवीं लहर ने विनाशकारी वारहेड पावरहेड के साथ लंबी दूरी की मिसाइलों को इसराइल पर गिराया है।"
ईरान द्वारा टारगेट किए गए स्थलों में हवाई अड्डा, एक "बॉयोलजिकल रिसर्च सेंटर", रसद अड्डे और कमांड और नियंत्रण केंद्रों की विभिन्न बिल्डिंगें शामिल थीं। मिसाइलों ने तेल अवीव, नेस त्ज़ियोना और हाइफ़ा के आवासीय क्षेत्रों को निशाना बनाया।

सेंट्रल इसराइल में तबाह बिल्डिंग

सेंट्रल इसराइल टारगेट पर 

ईरान से बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले के एक घंटे से ज़्यादा समय बाद भी आपातकालीन सेवाएँ मध्य इसराइल के घनी आबादी वाले इलाके के निवासियों को निकालने के लिए काम कर रही हैं। स्थिति इस बात से जटिल हो गई है कि हमले में कई बुजुर्गों को शिफ्ट करने में दिक्कत आ रही है। टाइम्स ऑफ इसराइल के मुताबिक  एक रोते हुए प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, "एक बहुत बड़ा विस्फोट हुआ। सब कुछ हिल गया। मुझे नहीं पता कि क्या हुआ।" सुरक्षा बलों द्वारा मलबे के गिरने या इमारत के ढहने की आशंका का हवाला देते हुए, अपने ज़रूरी सामानों के साथ छोटे बैग लेकर इधर-उधर भटकते हुए घबराए हुए परिवार देखे गए।
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इसराइल में कार्यक्रमों पर बैन, स्कूल बंद

ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद आईडीएफ के होम फ्रंट कमांड ने नए, सख्त नागरिक नियमों के तहत रविवार से सभी सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया। स्कूलों को बंद कर दिया गया है। सिर्फ जरूरी व्यवसायों को ही संचालित करने की अनुमति दी गई। नए दिशानिर्देश सोमवार, 23 जून तक लागू रहेंगे। सोमवार को जैसे हालात होंगे, उसी हिसाब से फैसला होगा।

इसराइल में फ्लाइट्स कैंसल, एयरस्पेस बंद 

टाइम्स ऑफ इसराइल के मुताबिक इसराइल ने कहा है कि वह मौजूदा अनिश्चितता का हवाला देते हुए 7 जुलाई तक अपनी सभी उड़ानों पर सीटों की बिक्री को निलंबित कर रहा है। 7 जुलाई तक उड़ान आरक्षण वाले सभी यात्री बिना किसी शुल्क के अपनी यात्रा रद्द कर सकते हैं। इसराइल के हवाई क्षेत्र के बंद होने के कारण, इसराइल में फ्लाइट्स ऑपरेशन को अगली सूचना तक रोक दिया गया है।

तेलअवीव में बिल्डिंग पर गिरी मिसाइल

पश्चिमी ईरान पर हमले 

इसराइली वायुसेना (आईएएफ) ने रविवार सुबह पश्चिमी ईरान में सैन्य ठिकानों पर हमले शुरू किए। यह घोषणा आईडीएफ ने की। रविवार सुबह ईरान द्वारा किए गए दोहरे मिसाइल हमले के बाद अब दोनों देश बुरी तरह युद्ध में उलझ गए हैं। सेना ने कहा कि इसराइली वायुसेना ने ईरानी सशस्त्र बलों के सैनिकों के साथ-साथ इसराइली क्षेत्र की ओर लॉन्च किए जाने के लिए तैयार मिसाइल लांचरों पर हमला किया। सेना ने यह भी कहा कि उसने सुबह इसराइल की ओर मिसाइल लॉन्च करने वाले लांचरों को तुरंत निष्क्रिय कर दिया।

बूशहर पर हमला 

ईरान के बंदरगाह शहर बूशहर में रविवार दोपहर विस्फोट की आवाज़ें सुनी गईं। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि विस्फोटों का कारण क्या था। बूशहर ईरान का एकमात्र परमाणु ऊर्जा संयंत्र है, जिसे रूसी सहायता से चलाया जाता है। ईरानी अधिकारियों ने संयंत्र में किसी भी समस्या की सूचना नहीं दी है। इस बीच, मध्य ईरान के यज़्द शहर में भी विस्फोट हुए, कुछ लोगों का मानना ​​है कि यह विस्फोट एक बिजली संयंत्र और एक सैन्य चौकी को निशाना बनाकर किए गए इसराइली हवाई हमलों से हुआ।

मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति से बात की

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा- ईरान के राष्ट्रपति डॉ पेज़ेशिकयान @drpezeshkian से बात की। हमने मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार से चर्चा की। हाल ही में हुई वृद्धि पर गहरी चिंता व्यक्त की। आगे बढ़ने के लिए तत्काल तनाव कम करने, संवाद और कूटनीति के लिए अपना आह्वान दोहराया और क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता की शीघ्र बहाली की मांग की।

मोदी के बयान की खास बातः मोदी ने ईरान पर हमले के लिए न तो अमेरिका की निन्दा की और न ही इसराइल की। ईरान अब यूएस से बातचीत को ठुकरा दिया है लेकिन इसके बावजूद पीएम मोदी ईरान से संवाद और कूटनीति की बातें कर रहे हैं। ईरान ने एक दिन पहले खुलकर कहा था कि भारत को इसराइल के हमले की निन्दा करना चाहिए।

ईरान के विदेश मंत्री का बयान 

इस्तांबुल में ओआईसी शिखर सम्मेलन में अपने भाषण के दौरान ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ अमेरिका के “क्रूर सैन्य आक्रमण” की निंदा की है। अराघची ने कहा, “यह संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय कानून के मूल सिद्धांतों का एक अपमानजनक, गंभीर और भयानक उल्लंघन है।”
अराघची ने कहा कि ईरान के खिलाफ अमेरिकी धमकियों को रोकना "पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय" की जिम्मेदारी है, उन्होंने जोर देकर कहा कि देश का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण है। ईरान ने कुछ भी गलत नहीं किया है। हम समझ नहीं पा रहे हैं कि ईरान पर इस झूठे आरोप के लिए हमला क्यों किया जाना चाहिए कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा- यह अमेरिका ही था जिसने पिछले परमाणु समझौते को तोड़ा और सैन्य हमलों के साथ वार्ता के नवीनतम दौर को बाधित किया। अराघची ने कहा, "इसकी निंदा करना और इसे रोकना अंतरराष्ट्रीय समुदाय का काम है। "अन्यथा, अंतरराष्ट्रीय कानून के नाम पर कुछ भी नहीं बचेगा।" उन्होंने दावा किया कि ईरानी लोग सरकार के साथ एकजुट हैं, और हम किसी भी आक्रमण के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं।

फ्रांस ने यूएस के हमले का समर्थन नहीं किया 

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिकी हमलों के बाद इसराइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष पर चर्चा करने के लिए एक आपातकालीन सुरक्षा कैबिनेट बैठक बुलाई है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति कार्यालय ने यह घोषणा की है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि मैक्रों, जिन्होंने सऊदी अरब और ओमान सहित कई अरब नेताओं के साथ संघर्ष पर चर्चा की है, दिन में यूरोपीय और क्षेत्रीय नेताओं के साथ आगे बात करेंगे। फ्रांसीसी विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि फ्रांस ने अमेरिकी हमलों से खुद को अलग कर लिया है और "सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है।"