ईरान की संसद ने एक ऐतिहासिक और विवादास्पद निर्णय में होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है। हालाँकि, इस निर्णय पर अंतिम मुहर ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और देश के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनई को लगानी है। रायटर्स ने प्रेस टीवी के हवाले से यह ख़बर दी है। यह जलडमरूमध्य वैश्विक तेल व्यापार के लिए एक अहम गलियारा है। इसके माध्यम से प्रतिदिन लगभग 20 मिलियन बैरल से अधिक कच्चा तेल और अन्य ऊर्जा संसाधन वैश्विक बाज़ारों तक पहुँचते हैं। यदि होर्मुज को बंद करने का अंतिम फ़ैसला होता है तो पूरी दुनिया पर इसका गंभीर असर होगा। यही वजह है कि ईरान के इस क़दम ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी है, क्योंकि इसकी वजह से तेल की क़ीमतों में भारी उछाल और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है।
ईरानी संसद ने दी होर्मुज मार्ग को बंद करने की मंजूरी; जानें अब क्या होगा
- दुनिया
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- 22 Jun, 2025
ईरानी संसद ने सामरिक रूप से अहम होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की मंजूरी दे दी है। यदि इस पर अंतिम मुहर लगती है तो यह निर्णय वैश्विक तेल आपूर्ति और खाड़ी क्षेत्र में तनाव को कैसे प्रभावित करेगा, जानिए विस्तार से।

होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को हिंद महासागर से जोड़ता है। यह दुनिया के सबसे अहम समुद्री मार्गों में से एक है। यह संकरा जलमार्ग सऊदी अरब, कुवैत, कतर, संयुक्त अरब अमीरात और ईरान जैसे प्रमुख तेल उत्पादक देशों से तेल और प्राकृतिक गैस के निर्यात के लिए एकमात्र रास्ता है। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार, वैश्विक तेल आपूर्ति का लगभग 20-25% हिस्सा इसी मार्ग से होकर गुजरता है। इसके अलावा, तरलीकृत प्राकृतिक गैस यानी एलएनजी का एक बड़ा हिस्सा भी इस जलडमरूमध्य के माध्यम से निर्यात किया जाता है। यदि यह मार्ग बंद होता है तो वैश्विक ऊर्जा सप्लाई चेन में गंभीर रुकावट आ सकती है।