अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को दावा किया कि ग़ज़ा में इसराइल और ईरान समर्थित हमास के बीच एक सप्ताह के भीतर युद्धविराम हो सकता है। ट्रम्प ने पत्रकारों से कहा कि उनकी सरकार इस दिशा में काम कर रही है और उन्हें विश्वास है कि दोनों पक्षों के बीच समझौता जल्द होगा।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अप्रैल में इसराइल ने हमास के साथ दो महीने की युद्धविराम संधि तोड़कर ग़ज़ा में हमले शुरू किए थे। इस महीने, अमेरिका और इसराइल द्वारा ईरान की परमाणु सुविधाओं पर बमबारी के बाद ग़ज़ा संघर्ष को हल करने की कोशिशें तेज हुई हैं। इसराइल-ईरान के बीच 12 दिन के संघर्ष के बाद इस सप्ताह की शुरुआत में युद्धविराम लागू हुआ था।
संभावित ग़ज़ा सीज़फायर पर ट्रंप का बयान अभी अस्पष्ट है। क्योंकि ट्रंप ने पूरी रूपरेखा साफ नहीं की है। जबकि, हमास ने कहा है कि वह ग़ज़ा में बंधकों को तभी रिहा करेगा जब युद्ध समाप्त होगा, जबकि इसराइल का कहना है कि युद्ध तभी खत्म होगा जब हमास को नष्ट कर दिया जाएगा। हमास और इसराइल के बयान से स्पष्ट है कि ग़ज़ा में सीज़फायर इतना आसान भी नहीं है।
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इसराइली मंत्री रॉन डर्मर अगले हफ्ते वाशिंगटन में ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों के साथ ग़ज़ा, ईरान और इसराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की संभावित व्हाइट हाउस यात्रा पर चर्चा करने के लिए पहुंच रहे हैं। नेतन्याहू ने गुरुवार को कहा था कि ईरान के साथ युद्ध के नतीजे ने शांति के नए अवसर पैदा किए हैं, जिन्हें इसराइल को बर्बाद नहीं करना चाहिए।

ग़ज़ा में सीजफायर एक बेहतर कदम होगा। लेकिन यह बयान सिर्फ ट्रंप ने दिया है। इसराइल और हमास अपनी-अपनी शर्तों पर युद्धविराम चाहते हैं। ग़ज़ा युद्धविराम एक मुश्किल काम है।

ट्रंप के इस बयान ने कुछ हद तक हैरानी पैदा की है, क्योंकि ग़ज़ा में इसराइली सेना द्वारा मानवीय सहायता लेने वाले निहत्थे फिलिस्तीनियों पर गोलीबारी की खबरें सामने आई हैं, जिसे युद्ध अपराध माना जा रहा है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि हाल का इसराइल-ईरान युद्धविराम ग़ज़ा में शांति वार्ता के लिए एक महत्वपूर्ण मौका दे सकता है, लेकिन इसका स्थायित्व अभी भी सवालों के घेरे में है।