मार्क कार्नी कनाडा के अगले पीएम होंगे
चुनाव में भारी जीत
लिबरल पार्टी के नेतृत्व और कनाडा के अगले प्रधानमंत्री के लिए हुए चुनाव में मार्क कार्नी को 131,674 वोट मिले, जो कुल मतों का 85.9% है। उनके प्रतिद्वंद्वियों में क्रिस्टीया फ्रीलैंड को 11,134 वोट (8%), करीना गोल्ड को 4,785 वोट (3.2%), और फ्रैंक बेलिस को 4,038 वोट (3%) प्राप्त हुए। कार्नी की यह जीत उनकी लोकप्रियता और पार्टी के भीतर मजबूत समर्थन को दर्शाती है।
कार्नी का पहला संबोधनः चुनाव जीतने के बाद अपने शुरुआती भाषण में कार्नी ने कहा, "हम मजबूत हैं। यह कनाडा की मजबूती का प्रतीक है। कौन मेरे साथ कनाडा के लिए खड़ा होने को तैयार है? हां कनाडा, लिबरल पार्टी एकजुट और मजबूत है और एक बेहतर देश बनाने के लिए लड़ने को तैयार है।" उनके इस भाषण को बीबीसी की रिपोर्ट में कोट किया गया है।
ट्रूडो का इस्तीफा और नया नेतृत्व
कनाडा के निवर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जनवरी में अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। वह नौ साल तक इस पद पर रहे, जो एक रिकॉर्ड है, लेकिन अपनी पार्टी के भीतर बढ़ते दबाव के कारण उन्हें पद छोड़ना पड़ा। अब कार्नी, जो अकेले दम पर पार्टी नेतृत्व की दौड़ जीते, लिबरल पार्टी को अगले आम चुनाव में नेतृत्व देंगे। यह चुनाव 20 अक्टूबर 2025 तक आयोजित होना अनिवार्य है।
सबसे बड़ी चुनौतीः कार्नी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव को संभालना होगा। ट्रम्प प्रशासन के टैरिफ और कनाडा पर दबाव ने दोनों देशों के बीच संबंधों को जटिल बना दिया है। कार्नी, जो पहले कनाडा और यूके के सेंट्रल बैंकों का नेतृत्व कर चुके हैं, को उनकी आर्थिक विशेषज्ञता और संकट प्रबंधन कौशल के लिए जाना जाता है। अब यह देखना होगा कि वह इस चुनौतीपूर्ण समय में कनाडा को कैसे आगे ले जाते हैं।
मार्क कार्नी कौन हैं, जानिये
कार्नी ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की, जहां उन्होंने आइस हॉकी में बैकअप गोलकीपर के रूप में भी हिस्सा लिया। इसके बाद, उन्होंने ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर और डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। अपने करियर की शुरुआत में, कार्नी ने गोल्डमैन सैक्स में 13 साल तक काम किया, जहां उन्होंने लंदन, टोक्यो, न्यूयॉर्क और टोरंटो जैसे शहरों में वित्तीय बाजारों का गहरा अनुभव प्राप्त किया।
जलवायु परिवर्तन और नेतृत्वः कार्नी जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी मुखर रहे हैं। 2020 में, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के जलवायु कार्रवाई और वित्त के लिए विशेष दूत के रूप में कार्य शुरू किया। उनका मानना है कि जलवायु परिवर्तन वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा है, और उन्होंने इसे नीतियों में शामिल करने की वकालत की है। वह कार्बन टैक्स को हटाकर ग्रीन विकल्पों के लिए प्रोत्साहन प्रणाली शुरू करने की बात भी कह चुके हैं।
राजनीतिक सफर
आगे की राह
कार्नी के जल्द ही प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने की उम्मीद है। लेकिन संसद में सीट न होने के कारण उन्हें जल्द ही चुनाव लड़ना पड़ सकता है। उनकी पहली चुनौती ट्रम्प के साथ संबंधों को संभालना और कनाडा की संप्रभुता को बनाए रखना होगा। उनकी तकनीकी विशेषज्ञता और "स्ट्रीट स्मार्ट" नजरिया उन्हें इस भूमिका के लिए मजबूत दावेदार बनाता है।