क्या रूस और यूक्रेन के बीच फिर से जंग और भड़क है? रूस ने यूक्रेन के F-16 लड़ाकू विमान पर हमला किया तो NATO ने अपनी ओर से और लड़ाकू जेट तैनात कर दिए हैं।
फोटो साभार : एक्स/@Piotr__Panasiuk
रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला करते हुए यूक्रेन के एक F-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया है। इसमें विमान के पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल मैक्सिम उस्तीमेन्को की मौत हो गई। इस हमले में रूस ने 537 हवाई हथियारों का इस्तेमाल किया जिसमें 477 ड्रोन और 60 मिसाइलें शामिल थीं। इसे यूक्रेन ने युद्ध शुरू होने के बाद से सबसे बड़ा हवाई हमला करार दिया है। इस हमले के जवाब में नाटो ने अपने लड़ाकू जेट तैनात किए, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है।
यूक्रेन की वायुसेना के अनुसार रूस ने यूक्रेन के हवाई क्षेत्र पर 537 हवाई हथियारों से हमला किया। यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली ने 475 हवाई लक्ष्यों को तबाह करने का दावा किया। इसमें अमेरिका द्वारा आपूर्ति किए गए F-16 लड़ाकू विमानों की अहम भूमिका थी।
इस हमले ने यूक्रेन के कई शहरों को निशाना बनाया, जिसमें कीव, खार्किव और ओडेसा जैसे प्रमुख शहर शामिल थे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने इस हमले को युद्ध का सबसे बड़ा हवाई हमला बताया और कहा कि रूस ने जानबूझकर नागरिक क्षेत्रों और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और अधिक सैन्य सहायता की मांग की।
F-16 और पायलट की मौत
इस हमले के दौरान यूक्रेन की वायुसेना के 31 वर्षीय पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल मैक्सिम उस्तीमेन्को अपने F-16 लड़ाकू विमान में सात हवाई लक्ष्यों को नष्ट करने में सफल रहे। हालाँकि, उनकी बहादुरी के बावजूद उनका विमान क्षतिग्रस्त हो गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यूक्रेन की वायुसेना ने पुष्टि की कि उस्तीमेन्को की इस हादसे में मौत हो गई।
ज़ेलेंस्की ने उस्तीमेन्को को नायक करार देते हुए कहा, 'उन्होंने अपनी जान देकर यूक्रेन के लोगों की रक्षा की। हम उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे।' इस घटना ने यूक्रेन में शोक की लहर दौड़ा दी और सोशल मीडिया पर कई लोगों ने पायलट को श्रद्धांजलि दी।
हालाँकि, कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया गया है कि विमान को रूस ने मार गिराया, जबकि यूक्रेन की वायुसेना ने कहा कि दुर्घटना की जांच की जा रही है। यह साफ़ नहीं है कि विमान रूसी मिसाइलों से क्षतिग्रस्त हुआ या तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुआ।
नाटो की प्रतिक्रिया
रूस के इस बड़े हमले के जवाब में नाटो ने पोलैंड जैसे अपने सदस्य देशों के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए लड़ाकू जेट तैनात किए। पोलैंड की ऑपरेशनल कमांड ने पुष्टि की कि नाटो के विमानों को यूक्रेन की सीमा से सटे क्षेत्रों में गश्त के लिए भेजा गया। यह क़दम रूस के हमले के क्षेत्रीय प्रभावों और नाटो देशों की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच उठाया गया।
नाटो के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हम स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं और अपने सहयोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार हैं।' इस बीच रूस ने नाटो की इस कार्रवाई को उकसावे वाला कदम करार दिया और चेतावनी दी कि इससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस हमले और F-16 की घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। एक्स पर कई यूजरों ने यूक्रेन के पायलट की बहादुरी की सराहना की, जबकि कुछ ने रूस के हमले को बर्बर बताया। एक यूजर ने लिखा, 'रूस का यह हमला यूक्रेन के लोगों को डराने की कोशिश है, लेकिन यूक्रेन का हौसला नहीं टूटेगा।' वहीं, कुछ यूजरों ने नाटो की तैनाती पर सवाल उठाए और इसे युद्ध को और भड़काने वाला कदम बताया।
रूस-यूक्रेन युद्ध की स्थिति
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अपने तीसरे साल में प्रवेश कर चुका है। हाल के महीनों में रूस ने यूक्रेन के ख़िलाफ़ हवाई हमलों की तीव्रता बढ़ा दी है, खासकर तब से जब यूक्रेन को अमेरिका और उसके सहयोगियों से F-16 लड़ाकू विमान मिले हैं। ये विमान यूक्रेन की वायु रक्षा को मज़बूत करने के लिए अहम माने जा रहे थे।
इस ताज़ा हमले ने यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली पर भारी दबाव डाला है। F-16 जैसे उन्नत विमानों का नुकसान यूक्रेन के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि इन विमानों को प्रशिक्षित पायलटों के साथ संचालित करना महंगा और समय लेने वाला है। इसके अलावा रूस के पास अभी भी बड़ी संख्या में ड्रोन और मिसाइलें हैं, जिससे भविष्य में और बड़े हमलों की आशंका बनी हुई है।
नाटो की तैनाती ने भी क्षेत्र में तनाव को बढ़ा दिया है। माना जा रहा है कि यह युद्ध अब और जटिल हो सकता है, खासकर अगर नाटो और रूस के बीच सीधा टकराव बढ़ता है। यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और अधिक हथियारों और वित्तीय सहायता की मांग की है, ताकि वह रूस के बढ़ते हमलों का सामना कर सके।