अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने अफर्मेटिव एक्शन प्रोग्राम पर ऐतिहासिक निर्णय दिया है। भारत में वंचितों को मिलने वाले आरक्षण की तरह ही अमेरिका में नस्लीय असमानता और भेदभाव का सामना करने वालों को अफर्मेटिव एक्शन प्रोग्राम का लाभ मिलता रहा है। लेकिन अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने इस अफर्मेटिव एक्शन प्रोग्राम को ही भेदभाव बरतने वाला क़रार दे दिया है। यह एक ऐसा ऐतिहासिक फ़ैसला है जिसका असर सिर्फ़ अमेरिका में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में पड़ सकता है। इस मुद्दे पर विश्व स्तर पर बहस होगी! दुनिया भर के देशों में जाति, नस्ल, रंग आदि के आधार पर भेदभाव का सामना करने वालों को दी जाने वाली ऐसी सहूलियतों के ख़िलाफ़ मांग जोर पकड़ने की आशंका है। भारत में भी इसी तरह के लाभ के रूप में दिए जाने वाले आरक्षण को ख़त्म करने की मांग लगातार कुछ लोग करते रहे हैं। तो क्या अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले का असर वैश्विक होगा?
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालय प्रवेश में 'आरक्षण' को ख़त्म किया
- दुनिया
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- 30 Jun, 2023
अमेरिका में नस्लीय असमानता और भेदभाव का सामना करने वाले समूहों को 'आरक्षण' की तरह मिलने वाले लाभ अफर्मेटिव एक्शन प्रोग्राम को रद्द कर दिया है। इसका असर क्या अब भारत सहित दुनिया भर पर पड़ेगा?

इस सवाल का जवाब तो अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद अलग-अलग समूहों की प्रतिक्रिया से भी मिल सकता है। इन प्रतिक्रियाओं को जानने से पहले यह जान लें कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का आख़िर फ़ैसला क्या आया है।