केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी भारतीय जनता पार्टी की सरकार से अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के नेता परेशान हैं।
एम्स में अनुसूचित जाति एवं जनजाति सेल समिति द्वारा सौंपी गई एक रिपोर्ट में पाया गया है कि एम्स की महिला डॉक्टर के ख़िलाफ़ जातिगत और लैंगिक टिप्पणी की गई है। उसके सीनियर रेजिडेंट ने महिला चिकित्सक को ‘औकात में रहो’ जैसी टिप्पणियाँ कीं।
तमिलनाडु के कोयंबटूर में इरोड वेंकट रामास्वामी नायकर ‘पेरियार’ (ईवीआर) की प्रतिमा को किसने विरूपित किया? समाज के वंचित तबक़े के संघर्षों के प्रतीक महापुरुषों के ख़िलाफ़ घृणा कौन चला रहा है?
जाति आधारित आरक्षण होना चाहिए या नहीं, यह विवाद का मुद्दा रहा है। लेकिन सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण की वकालत की जाती रही है।
ओबीसी में क्रीमी लेयर को ख़त्म करने के बजाय मोदी सरकार उसमें वेतन से होने वाली आमदनी को भी शामिल करने की तैयारी कर ली है।
लॉ स्कूलों और एनएलयू में ओबीसी आरक्षण को यह कहकर लागू नहीं किया जा रहा है कि एनएलयू गवर्निंग काउंसिल के नियमों से चलता है।
भारत नेपाल सीमा तनाव क्यों बढ़ा? नेपाल पर मोदी की नीति कितनी कारगर रही है? आख़िर भारत से ज़्यादा नेपाल चीन संबंध क्यों प्रगाढ़ हो रहे हैं?
उत्तर प्रदेश की खस्ताहाल क़ानून व्यवस्था चर्चा में है। प्रदेश के तमाम ज़िलों में हत्याएँ, बलात्कार, जातीय संघर्ष की ख़बरें आ रही हैं। हिंसा के शिकार ज़्यादातर दलित पिछड़े वर्ग के लोग बन रहे हैं।
कोरोना संकट के बाद अब यह चिंता सताने लगी है कि विस्थापित श्रमिकों के राज्य छोड़ने के बाद क्या गुजरात में क़ारोबार पूरे दमखम के साथ पटरी पर आ सकेगा?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि उन्हीं राज्यों में श्रमिकों को काम करने के लिए वापस भेजा जाएगा जो मज़दूरों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देंगे। क्या वह सच में मज़दूरों के लिए चिंतित हैं?
लॉकडाउन के कारण हज़ारों मजदूरों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इससे वंचित तबके को भयंकर नुक़सान हुआ है लेकिन बीजेपी समर्थक तबके पर कोई असर नहीं होगा।
शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की है कि 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण की इजाजत नहीं दी जा सकती। यह टिप्पणी अनुसूचित जनजातियों को 100 प्रतिशत आरक्षण देने के 20 साल पुराने फ़ैसले पर आई है।
आधुनिक भारत के निर्माता बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर (14 अप्रैल 1891 से 6 दिसंबर 1956) ने भारत की एकता और अखंडता का सपना देखा। उनका मानना था कि जातिवाद और जातीय घृणा की वजह से देश का पतन हो रहा है।
अगर कृषि क्षेत्र में फ़सलों की समस्याओं का तत्काल समाधान न किया जाए, तैयार फ़सलों की कटाई न की जाए और उन्हें मंडी तक न पहुँचाया जाए तो फ़सलें ख़राब हो जाएँगी।
विश्व के तमाम देशों ने कोरोना से जूझने के लिए राहत पैकेज का एलान किया है। भारत सरकार ने भी कोविड-19 के कारण हुई देशबंदी से राहत देने के लिए 1,70,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है।
कोरोना को देखते हुए 21 दिन का लॉकडाउन/कर्फ्यू है। ऐसे में कंपनियों के साथ मज़दूर वर्ग और समाज के कमज़ोर तबक़े को इस दौरान आंशिक मदद पहुँचाने की कवायद में केंद्र व राज्य सरकारों ने कई घोषणाएँ की हैं। ये कितनी कारगर होंगी?
कोरोना वायरस का गाँवों पर क्या असर होगा? अगर गाँव के लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है तो क़रीब 24.9 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं, जिन्हें क़र्ज़ लेना पड़ जाता है।
बिहार में कुछ महीने बाद चुनाव होने वाले हैं। राज्य में फ़िलहाल दो गठबंधनों के इर्द गिर्द चुनाव घूम रहा है, लेकिन जनता दल यूनाइडेट यानी जदयू नेता नीतीश कुमार इस बार ज़्यादा परेशान नज़र आ रहे हैं।
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के ताक़तवर नेता भूपेश बघेल के खास कहे जाने वाले अधिकारियों के ख़िलाफ़ छापेमारी क्यों की जा रही है?
महाराष्ट्र् सरकार के प्रस्ताव के खारिज किए जाने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति जनगणना का प्रस्ताव क्यों पारित कराया?
शाहीन बाग़ में चल रहे प्रदर्शन को लंबा वक़्त हो गया है। लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। ऐसे में प्रदर्शनकारियों को क्या करना चाहिए।
भारत में दूध एवं दुग्ध उत्पादों का आयात एक बार फिर चर्चा में है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का स्वागत करने जा रहे भारत पर अमेरिका से डेयरी उत्पादों के आयात को लेकर दबाव है।
राजस्थान के नागौर ज़िले में दलितों की पिटाई का जो वीडियो सामने आया है, उसे देखकर यह नहीं कहा जा सकता है कि भारत की क़रीब 20 प्रतिशत आबादी भी 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुई थी।
केरल के सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश को लेकर न्यायालय में चल रही बहस के बीच सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि किसी व्यक्ति का मंदिर में प्रवेश पूरी तरह अप्रतिबंधित नहीं है। यह तर्क क्या सही है?
गाँधी जी की हत्या के महज कुछ दिन पहले हिंदू महासभा के एक नेता ने बिहार में एक जनसभा में कहा कि पटेल, नेहरू और आज़ाद को फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए।
केजरीवाल से लोगों को उम्मीद थी कि वह आरक्षण, नागरिकता क़ानून, जामिया, जेएनयू के छात्रों पर लाठीचार्ज जैसे मसलों पर बोलेंगे लेकिन उन्होंने इनमें से किसी भी मसले पर बात नहीं की।